बेंगलुरु: भारतीय रक्षा एवं वैमानिकी के क्षेत्र में शनिवार को एक नये युग का सूत्रपात हुआ. देश में बना पहला हल्का लड़ाकू विमान ‘तेजस’ रक्षा मंत्री मनोहर र्पीकर ने भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर मार्शल अरुप राहा को सौंपा. 32 साल पहले देश में ही हल्के लड़ाकू विमान बनाने के इस मुश्किल और महत्वाकांक्षी सफर की शुरुआत हुई थी.
विमान का सौंपा जाना ऐसी परियोजना के तहत देश में ही निर्मित किये जा रहे लड़ाकू विमानों को शामिल करने की प्रक्रिया है, जिस पर 8,000 करोड़ रुपये की लागत आ चुकी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की इस परियोजना पर 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है. सूत्रों ने कहा कि सौंपे गये विमान को प्रारंभिक परिचालन मंजूरी-2 मिल चुकी है, जो संकेत है कि ‘तेजस’ विभिन्न परिस्थितियों में उड़ सकता है. अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) वर्ष के अंत तक मिल जाने की उम्मीद है.
खास विशेषताएं
कम वजन, बेहतर दक्षता एवं कौशल
विभिन्न परिस्थितियों में उड़ने में सक्षम
डिजिटल फ्लाइ-बाइ-वायर सिस्टम
उड़ान नियंत्रण प्रणालियां
ओपन आर्किटेक्चर कंप्यूटर आदि
कार्बन फाइबर सामग्री के इस्तेमाल से हल्का बना है विमान
कुछ अभाव भी
नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषता, जो दो हफ्ते पहले लगायी गयी
हवा में पुन: ईंधन भरना
लंबी दूरी की मिसाइल दागने की क्षमता और कुछ अन्य चीजें
नौसैनिक संस्करण : एलसीए का नौसैन्य संस्करण विकासाधीन है. पिछले माह गोवा में तट आधारित परीक्षण स्थल से पहली उड़ान भरी थी.
15 विमान बनाये एचएएल ने : डिजाइन और विकास कार्यक्रम में एचएएल ने 15 विमान बनाये हैं. इनमें सीमित श्रृंखला उत्पादन (एलएसपी) के सात, दो प्रौद्योगिकी प्रदर्शक, तीन फाइटर प्रोटोटाइप, दो प्रशिक्षक प्रोटोटाइप और एक नौसैन्य प्रोटोटाइप शामिल है.
‘‘एचएएल और परियोजना में शामिल हर व्यक्ति को बधाई. आप सही प्रबंधन उपकरणों के जरिये समय संबंधी चुनौतियों को पूरा करने के लिए लीक से हट कर सोचें. मौजूदा ज्ञान आधार का दोहन करते हुए अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया जाना चाहिए, जो एचएएल जैसी कंपनियां रखती हैं. कोई भी हर चीज रातोंरात प्राप्त नहीं कर लेता. हालांकि अपनी कार्य संस्कृति को सुधार कर और बेहतर प्रौद्योगिकी एवं उपकरण अपना कर हम बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं. मनोहर र्पीकर, रक्षा मंत्री
यह भी जानें
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बना रहा है विमान
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