नयी दिल्ली: वित्तीय संकट में घिरी विमानन कंपनी स्पाइसजेट को पुन: उबारने की जिम्मेदारी एक बार फिर इसके मूल प्रवर्तक अजय सिंह के हाथ में आ गयी. सिंह एयरलाइन के पुनरोद्धार के लिए दीर्घावधि की योजना के साथ सवार हुए हैं. इसके तहत बजट विमानन कंपनी में करीब 1,500 करोड रुपये का निवेश किया जाएगा.
सस्ती सेवाएं देने वाली इस निजी क्षेत्र की एयरलाइन को संभाल रहे चेन्नई के मारन परिवार ने इसमें अपनी सारी 53.48 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इसका नियंत्रण सिंह को स्थानांतरित करने पर सहमति दे दी है. फिलहाल इस हिस्सेदारी का मूल्य 500 करोड रुपये बैठता है. सिंह एयरलाइन में पूंजी डालने के लिए और निवेशकों से बातचीत कर रहे हैं.
सिंह ने गुरूवार रात कहा, ‘‘एयरलाइन ने नियंत्रण में बदलाव के बारे में नागर विमानन मंत्रलय को पुनरोद्धार व पुनर्गठन योजना सौंपी है. मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद हम पुनरोद्धार योजना को आगे बढाएंगे.’’ यदि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) कहेगा तो सिंह शेयरधारकों से करीब 250 करोड रपये की 26 प्रतिशत और हिस्सेदारी लेने के लिए खुली पेशकश लाएंगे.
सिंह ने कहा कि कंपनी के लिए आगे का रास्ता काफी कठिन है.
उन्होंने कहा कि वह विमानन कंपनी में और पूंजी डालने के लिए एक से अधिक निवेशकों से बातचीत कर रहे हैं. मारन परिवार का सन ग्रुप भी अपने 10 प्रतिशत अधिपत्रों (वारंट) के परिवर्तन (शेयर में) के बाद कंपनी में 80 करोड रपये का निवेश करेगा. कंपनी कई महीनों से संकट से जूझ रही है.सौदे के बाद सन ग्रुप की इकाई- कलानिधि मारन व कल एयरवेज- प्रवर्तक के रुप में वर्गीकृत नहीं होंगे और यह दर्जा नये निवेशकों को दिया जाएगा.
बीएसई में कंपनी का शेयर गुरुवार को तीन प्रतिशत चढकर 18.65 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ.
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