सेंट्रल डेस्क
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. उनकी सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की जा रही है. लेकिन, मेजबान के इंतजाम के अलावा मेहमान की तरफ से सुरक्षा तैयारियां की जा रही हैं. इस कड़ी में अमेरिकी सीक्रेट सर्विस एजेंट एयरफोर्स वन की टीम दिल्ली पहुंच चुकी है. दिल्ली में ओबामा के ठहरने और सभी कार्यक्रमों के बार में सिक्यूरिटी इसी टीम की देखरेख में हो रही है. टीम मौर्या शेरेटन के तीन फ्लोर पूरी तरह अपने कब्जे में ले चुकीहै. बीच वाले फ्लोर में राष्ट्रपति ओबामा ठहरेंगे. भारतीय अफसर इन एजेंटों के निर्देश को सिर्फ फॉलो कर रहे हैं. खबर तो यह भी है कि गणतंत्र दिवस पर समारोह में जाने के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भारतीय राष्ट्रपति की गाड़ी में बैठाने को भी तैयार नहीं है.
खास हैं सीक्रेट एजेंट
अमेरिकी सीक्रेट सर्विस एजेंट उसी तरह अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा के पहले स्तर पर होते हैं, जैसे भारतीय प्रधानमंत्री की सुरक्षा एसपीजी के जवान तैनात होते हैं. इस रक्षापंक्ति के बाहर भारत की तरह अमेरिका में भी स्थानीय पुलिस होती है. हालांकि, एसपीजी की तुलना में अमेरिकी सीक्रेट सर्विस एजेंट की डय़ूटी का दायरा बहुत बड़ा होता है. ये एजेंट अपने राष्ट्रपति के आसपास साये की तरह रहते हैं. एजेंट अपने राष्ट्रपति पर हो रही गोलियों की बौछार के सामने खुद की जान की परवाह नहीं तक करते.
रोनाल्ड रीगन की बचायी थी जान
30 जनवरी, 1981 को वाशिंगटन डीसी में पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन पर एक मनोरोगी ने गोलीबारी कर दी थी, तो अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के एजेंट टिमोथी मैकार्थी ने खुद की जान की परवाह न कर खुद को रीगन के सामने कर दिया था. टिमोथी के पेट में गोली लगी गयी थी, तभी दूसरा एजेंट जेरी पार ने रीगन को तेजी से लिमोजिन में धकेला और अस्पताल ले गया. बुरी तरह घायल रीगन की जान वक्त रहते इलाज मिलने की वजह से बच गयी थी.
कश्मीरी एजेंसियों के हवाले होगी सुरक्षा!
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधी आपरेशनों में शानदार रिकार्ड वाले खुफिया एजेंसियों के दर्जन भर अधिकारियों को नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में तैनात किया जा रहा है. खासतौर से इन अधिकारियों की ड्यूटी बराक ओबामा की सुरक्षा को पुख्ता करने की रहेगी. गणतंत्र दिवस समारोह में संदिग्धों पर खास नजर रखने की इनकी ड्यूटी रहेगी. सूत्रों के अनुसार, 19 जनवरी से ही रियासत में तैनात खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों को दिल्ली में तैनात कर दिया जायेगा. गणतंत्र दिवस समारोह में आतंकवादी संगठनों की धमकियों को देखते ही खास तौर से जम्मू-कश्मीर में तैनात अधिकारियों को स्पेशल ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है.
भारत-अमेरिका की बैठक जारी
ओबामा की यात्रा से पहले भारत और अमेरिका निवेश, आइइडी के खतरे के खिलाफ लड़ाई और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों को लेकर नयी दिल्ली और वाशिंगटन में कई उच्च स्तरीय बैठकें कर रहे हैं. सोमवार से नयी दिल्ली में अमेरिका और भारत बुनियादी ढांचा सहयोग मंच की तीन दिवसीय बैठक चल रही है. उधर, वित्त मंत्रालय और अमेरिकी वित्त विभाग की अगुवाई में ‘इंडो-यूएस इन्वेस्टमेंट इनीशिएटिव’ की बैठक वाशिंगटन में चल रही है.
इनकी जिम्मेदारी
वित्तीय अपराध की जांच : अमेरिकी सीक्रेट सर्विस एजेंट मनी लांड्रिंग, वित्तीय अपराध, अमेरिकी खजाना प्रतिभूतियों की जालसाजी और गैरकानूनी इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर की भी जांच करते हैं. कहा जाता है कि वर्ष 1865 में अमेरिका में नकली करंसी की भारी समस्या थी. उस समय इन एजेंटों को राष्ट्रपति की सुरक्षा के अलावा नकली करंसी के बारे में तहकीकात की जिम्मेदारी दी गयी थी.
सुरक्षा-व्यवस्था : वर्तमान और पूर्व राष्ट्रीय नेताओं और उनके परिवारों, वर्तमान राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति और उनके परिवारों, उप राष्ट्रपति, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों, राज्य के प्रमुखों का दौरा तथा विदेशी दूतावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करना.
बुरे दौर भी आये
अमेरिकी सीक्रिट सर्विस के लिए बुरे दौर भी आये हैं. 22 नवंबर, 1963 को टेक्सास के डलास शहर में पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस घटना के बावजूद सीक्रेट सर्विस के इंतजाम हमेशा फूलप्रूफ नहीं रहे. 11 सितंबर, 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में एजेंटों को नाकामी मिली थी.
तैयार होगी पारदर्शी बुलेट प्रूफ दीवार
दो घंटे तक खुले में रह सकते हैं ओबामा
ऊंची इमारतों और खास जगहों पर पुलिस की रहेगी पैनी नजर
समारोह के दौरान पूरा क्षेत्र नो फ्लाई जोन रहेगा
वायुसेना एयर कवर देगी