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सोलर लाइट की खरीद में हुई गड़बड़ी
बेल्ट्रॉन ने जो दर निर्धारित की थी उससे अधिक पर खरीदारी की गयी विकास की बयार हर व्यक्ति महसूस करे, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं बनायी गयीं. हर सड़क, हर गली रोशन हो इसके लिए सोलर लाइट लगाने की योजना बनीं. लेकिन यह योजना पूरी तरह मूर्त रूप नहीं ले सकी. […]
बेल्ट्रॉन ने जो दर निर्धारित की थी उससे अधिक पर खरीदारी की गयी
विकास की बयार हर व्यक्ति महसूस करे, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं बनायी गयीं. हर सड़क, हर गली रोशन हो इसके लिए सोलर लाइट लगाने की योजना बनीं.
लेकिन यह योजना पूरी तरह मूर्त रूप नहीं ले सकी. बड़े पैमाने पर इस योजना में गड़बड़ी पायी गयीं और गांवों की गलियां सोलर लाइट की बाट देखती रह गयीं और सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की निकासी हो गयी.
हाइकोर्ट ने मामले में 23 फरवरी तक कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने के दिये थे आदेश
हाजीपुर : वैशाली जिले में वर्ष 2014 में सोलर लाइट घोटाला को लेकर पदाधिकारियों की फजीहत होती रही. इस योजना में इस कदर लूट-खसोट हुई कि देखते ही देखते जिले के कई मुखिया लाखों के मालिक बन गये. अब उम्मीद है कि अनियमितता में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
इस मामले में यह बात सामने आयी कि सोलर लाइट खरीदने के लिए बेल्ट्रान ने जो दर निर्धारित की थी उससे अधिक पर खरीदारी की गयी. इतना ही नहीं , हाइकोर्ट ने 19 दिसंबर, 2014 को सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला किया व पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि तीनों जिलों में बीडीओ, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, डीडीसी व डीएम की ओर से लगाये गये लाइटों की जांच कर 23 फरवरी, 2015 तक कोर्ट में रिपोर्ट सौंपे. साथ ही अनियमितता पाये जाने पर संबंधित जनप्रतिनिधि व पदाधिकारियों पर भी प्राथमिकी दर्ज की जाये.
रातों-रात खुली दुकानें : सभी सरकारी निर्देशों को ताक पर रख कर रातों -रात कागज पर दुकानें खुली और लग गयी घटिया सोलर लाइट. घटिया बैटरी व सोलर प्लेट लगाने के कारण लगने के कुछ समय बाद ही इसकी रोशनी ने दम तोड़ दिया.
मामला दर्ज होने के बाद हुआ खुलासा : योजना में अनियमितता का खुलासा तब हुआ जब पटना हाइकोर्ट में नागरिक अधिकार मंच के कंवेनर शिव प्रकाश राय ने 2012 में जनहित याचिका दायर की. पीडब्ल्यूजेसी केस नंबर 21443 की सुनवाई करते हुए 27 जून, 2014 को हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया.
जांच के बाद गबन आया सामने : हाइकोर्ट ने 04 जुलाई को वैशाली, आरा और बक्सर में विभिन्न योजनाओं से लगायी गयीं सोलर लाइट की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश पर वैशाली जिले में महज आधी -अधूरी ही जांच की गयी. जिसमें पांच करोड़ 34 लाख रुपये के गबन का मामला प्रकाश में आया.
कई बार डीएम व डीडीसी कोर्ट में हुए हाजिर : हाइकोर्ट ने आधे दर्जन से अधिक बार वैशाली के डीएम व डीडीसी को कोर्ट में बुलाया. जिला प्रशासन की ओर से हाइकोर्ट को सौंपी गयी रिपोर्ट में पत्रंक 1400 दिनांक 17 सितंबर 2014 के अनुसार जिले में 290 पंचायतों में 236 में सोलर लाइट की जांच कराने की बात कही गयी है.
भगवानपुर प्रखंड में मिली अधिक अनियमितता : जांच में प्रखंडों में मुखियाओं की ओर से लगायी गयी सोलर लाइटों में सबसे ज्यादा भगवानपुर प्रखंड में 94 लाख 23 हजार सात सौ 93 रुपये के गबन का मामला सामने आया है.
राशि वसूलने का दिया गया आदेश
कोर्ट ने आदेश दिया कि निर्धारित सरकारी दर से अधिक दर पर खरीदी गयी राशि की रिकवरी की जाये, मगर यहां ऐसा कुछ भी होता दिखायी नहीं दे रहा है. हालांकि यहां दर्जनों मुखिया व पंचायत सचिव पर सर्टिफिकेट केस अवश्य किया गया. बीआरजीएफ, 13 वें वित्त आयोग एवं चतुर्थ वित्त आयोग मद से जिले के प्रखंडों में सोलर लाइट लगायी गयी थी.
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