नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2012 में भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले के आरोपी दो इतालवी मरीनों में से एक मासिमिलियानो लातोरे की इटली में प्रवास की अवधि बढाए जाने संबंधी अपील को आज दूसरी पीठ को भेज दिया.
लातोरे ने स्वास्थ्य आधार पर इटली में अपने प्रवास की अवधि में विस्तार की अपील की है. भारत के प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा,‘‘हमने पूर्व में कुछ आपत्तियां और कुछ टिप्पणियां की थीं. ऐसे में हमारे लिए इस अपील पर सुनवाई करना उचित नहीं है.’’
इस मामले में कुछ और घटनाक्रम जुडने का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘ इसे अन्य पीठ के समक्ष रखा जाए.’’ पीठ पांच जनवरी को लातोरे के दिल के आपरेशन का जिक्र कर रही थी.मामले की सुनवाई बुधवार के लिए तय करते हुए पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ इससे पूर्व एक मौके पर , याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल आवेदन में कुल मिलाकर इसी प्रकार की राहत देने की बात कही गयी थी. उस आवेदन पर सुनवाई करते हुए हमने कुछ टिप्पणियां की थीं.’’
पीठ ने कहा, ‘‘ पूर्व में आवेदन पर की गयी टिप्पणियों को देखते हुए हमारे लिए इस पर सुनवाई करना उचित नहीं है और हम इसे परसों सुनवाई के लिए अन्य पीठ को भेजते हैं.’’ मछुआरों की हत्या मामले में आरोपों का सामना कर रहे लातोरे ने सात जनवरी को उच्चतम न्यायालय में आवेदन दाखिल कर इटली में अपने प्रवास की अवधि को इस आधार पर बढाए जाने की अपील की थी कि उसका पांच जनवरी को दिल का आपरेशन हुआ है.
लातोरे तथा उसके साथी साल्वातोरे गिरोन पर आरोप है कि उन्होंने 15 फरवरी 2012 को केरल तट के समीप ‘‘एनरिका लेक्सी’’ जहाज से गोली चलाकर कथित रुप से दो भारतीय मछुआरों की हत्या की थी.पीठ ने इससे पूर्व लातोरे की इटली प्रवास अवधि को बढाने से इंकार कर दिया था और साथ ही सह आरोपी गिरोन की याचिका को भी खारिज कर दिया था जिन्होंने क्रिसमस मनाने के लिए शीर्ष अदालत से इटली जाने की अनुमति मांगी थी.
अदालत ने कहा था कि वे इस प्रकार की छूट हासिल नहीं कर सकते.यहां 31 अगस्त को दिल का दौरा पडने के बाद लातोरे को शीर्ष अदालत ने पिछले वर्ष चिकित्सा उपचार तथा स्वास्थ्य लाभ के लिए 12 सितंबर को इटली जाने की इजाजत दी थी. बाद में लातोरे ने आठ जनवरी को होने वाले दिल के आपरेशन के आधार पर प्रवास अवधि को बढाए जाने की अपील की थी जिसे अदालत ने नामंजूर कर दिया था.
मछली पकडने की नौका ‘‘सेंट एंटनी’’ के मालिक फ्रेडी ने इस मामले में शिकायत दर्ज करायी थी. इतालवी मरीन द्वारा कथित रुप से सेंट एंटनी पर सवार दो भारतीय मछुआरों को जलदस्यु समझकर चलायी गयी गोलियां लगने से दोनों मछुआरों की मौत हो गयी थी.