पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अनुसूचित जाति व जनजाति के कर्मियों व अधिकारियों के साथ बैठक की और उनकी समस्याओं को सुना. अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ की पहल पर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी सेवा में उन्हें प्रोन्नति से लेकर सेवा मामलों में किसी तरह की कठिनाई नहीं होने दी जायेगी.
उन्होंने अधिकारियों से इस वर्ग के कर्मचारियों को आरक्षण देने, बहाली को लेकर रोस्टर क्लीयर करने और ममता, आशा, टोलासेवक, विकास मित्र आदि छोटे कर्मियों के सेवा समायोजन के संबंध में सार्थक पहले करने का निर्देश दिया. बैठक के बाद संघ के अध्यक्ष और पटना के आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के स्तर पर यह तीसरी बैठक थी. इसके पहले नीतीश कुमार के कार्यकाल में दो बैठकें हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री ने संघ की ओर से उठायी गयी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया. कुछ मसलों पर जिनमें तत्काल निर्देश दिये जा सकते थे, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद में तीन घंटे तक चली बैठक में आइएएस व आइपीएस अधिकारी से लेकर एससी-एसटी के कर्मचारी भी शामिल हुए.
जो नहीं सुनेंगे, उन पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि गरीबों की योजनाएं गरीबों तक पहुंचें, इसके लिए सभी अधिकारी काम करें. जिस जिले के डीएम अगर इनकी बात नहीं सुनते हैं और काम नहीं करते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जायेगी. गरीबों के विकास के लिए सरकार कृतसंकल्पित है. जिन गरीबों को पहले तीन डिसमिल जमीन दी जाती थी, उन्हें अब पांच डिसमिल जमीन दी जा रही है. वहीं, अब शहरी गरीबों के लिए भी आवास की व्यवस्था हो रही है. सूबे में पिछले दिनों आला अधिकारियों के तबादले पर और गृह सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद पर इस समुदाय के लोग लाने पर उन्हें बधाई भी दी गयी. संघ ने अनुसूचित जाति और जनजाति के भूमिहीनों को तीन से बढ़ा कर पांच डिसमिल जमीन देने की मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया. इसके साथ छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने के लिए भी धन्यवाद दिया.
ये मांगें उठीं
एकल पदों पर आरक्षण मिलेत्नप्रोमोशन में आरक्षण मिले
टोलासेवक, ममता, आशा व विकास मित्रों की सेवा स्थायी हो
मिड डे मील के रसोइयों व सफाईकर्मियों की सेवा हो बेहतर