पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि उर्दू के बढ़ावे की बात कर रहे हैं, तो समाज के कुछ कठमुल्ले कहेंगे कि हम धर्म परिवर्तन की बात कर रहे हैं. उनका और हमारा विकास का नजरिया अलग-अलग है. ऐसी शक्तियों की वजह से देश की अखंडता और स्वाभिमान को खतरा है. इससे हमें सचेत रहना है. देश को हिंदू, मुसलिम, सिख व ईसाई ने मिल कर आजादी दिलायी है. आज इस आजादी को खतरा है. इसे बचाने की आवश्यकता है.
वह गुलाम सरवर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का बयान आया कि हिंदुस्तान में पहली बार हिंदू सरकार का बोध हो रहा है. ऐसी ताकतों को प्रोत्साहित नहीं, हतोत्साहित करने की आवश्यकता है. कॉमन सिविल कोड भी बात कही जा रही है. भारत में अनेक धर्म, संस्कृति व सभ्यता है. एक संविधान है. इस खूबसूरती को कुछ लोग खराब कर रहे हैं. अफवाह पर ध्यान न दें. सामाजिक सौहार्द बनाये रखें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अल्पसंख्यक समाज की समृद्धि के लिए काम करना चाहते हैं. इस समाज की स्थिति एससी, एसटी व महादलितों से भी बदतर है. तालीमी मरकज व टोलासेवक साक्षर करने में लगे हैं. जहां नहीं हैं, वहां इनकी बहाली की जायेगी और वेतन भी बढ़ेगा.
उर्दू दिवस के रूप में मनेगी गुलाम सरवर कीजयंती
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के पूर्वअध्यक्ष गुलाम सरवर की जयंती अब उर्दू दिवस के रूप में मनेगी. उन्होंने कहा कि उर्दू को द्वितीय भाषा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं, इसके बारे में वे विभागों में दिखवायेंगे. अगर नहीं हो रहा होगा, तो लागू करवायेंगे. हिंदी और उर्दू भाषा संपर्क की भाषा है. गांव के लोग 20-25 फीसदी उर्दू लफ्जों का प्रयोग करते हैं.
उर्दू शिक्षकों की भरी जायेंगी रिक्तियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे के सभी 73 हजार प्रारंभिक स्कूलों में एक-एक उर्दू शिक्षकों की बहाली करनी है. उर्दू शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है और साढ़े 27 हजार उर्दू शिक्षकों के पदों के लिए 28 हजार टीइटी पास अभ्यर्थी हैं. कैसे सभी पदों पर बहाली सुनिश्चित की जा सके, इसके लिए शिक्षा विभाग के मंत्री-अधिकारियों और अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जायेगी. सीएम ने कहा कि बिहार को वित्तीय स्थिति परेशानी की सबब है, लेकिन जो शिक्षक बनने जा रहे हैं, उन्हें दिक्कत नहीं होने देंगे. कुछ स्कूलों में उर्दू शिक्षक हैं, लेकिन छात्र नहीं हैं. उनसे दूसरे विषयों को पढ़वाया जाता है. ऐसे में शिक्षक ऐसी पद्धति अपनाये कि बच्चे उर्दू पढ़ें. समारोह में मुख्यमंत्री को केंद्र व राज्य सरकार के लिए अलगअलग मांग पत्र सौंपा गया, जिस पर सीएम ने बातचीत कर पूरी करने का आश्वासन दिया. इस मौके पर कई क्षेत्रों में भूमिका निभानेवालों को सम्मानित किया गया. समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी, पूर्व मंत्री इलियास हुसैन,पूर्व विधान पार्षद गुलाम गौस, विधायक इजहार अहमद, अब्दुल गफूर मौजूद थे.