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रामघाट मामला: मुख्यमंत्री ने किया हस्तक्षेप, विपक्ष ने किया स्वागत एसजेडीए को काम रोकने का निर्देश

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर पांच स्थित श्मशान घाट रामघाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है और एसजेडीए को वहां स्थायी तौर पर काम बंद करने का निर्देश जारी किया है. हालांकि स्थानीय लोगों के विरोध […]

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर पांच स्थित श्मशान घाट रामघाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है और एसजेडीए को वहां स्थायी तौर पर काम बंद करने का निर्देश जारी किया है.

हालांकि स्थानीय लोगों के विरोध एवं तोड़फोड़ तथा हिंसक घटनाओं के बीच रामघाट में फिलहाल पहले से ही विद्युत शवदाह चूल्हे का निर्माण कार्य बंद है. लेकिन अब इस पर स्थायी रोक लगाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के शहरी विकास मंत्रलय ने एसजेडीए को एक निर्देश जारी कर विद्युत शवदाह चूल्हे का निर्माण कार्य बंद करने तथा विकल्प जमीन तलाश करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री के इस निर्णय का सिलीगुड़ी के तमाम विपक्षी दलों ने स्वागत किया है.

विपक्ष का कहना है कि विकास के नाम पर उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव अपनी जिद की वजह से जबरदस्ती रामघाट इलाके में विद्युत शवदाह चूल्हे का निर्माण करवा रहे थे. स्थानीय लोगों की इच्छाओं की अनदेखी की गई. स्थानीय लोग जब शवदाह चूल्हे का निर्माण कार्य नहीं कराना चाहते तो राज्य सरकार जबरदस्ती किसी परियोजना को पूरा नहीं कर सकती. भाजपा के जिला महासचिव नंदन दास ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि मंत्री गौतम देव जोर-जबरदस्ती विद्युत शवदाह चूल्हे का निर्माण कराना चाह रहे थे. मंत्री ने विरोध करने वाले लोगों के साथ मार-पीट की और महानंद मंडल नामक एक युवक को सरेआम तमाचा जड़ दिया था. मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य रोकने का निर्देश देकर मंत्री गौतम देव को एक तरह से कड़ी सजा दी है.

इसके साथ ही उन्होंने उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव को हटाने की भी मांग की. श्री दास ने कहा कि रामघाट का इलाका जनबहुल इलाका है. यहां पहले से ही श्मशान घाट मौजूद है और वहां लकड़ी के जरिये शवदाह का काम होता है. रामघाट में शवदाह का काम बहुत अधिक नहीं होता. मारवाड़ी सम्प्रदाय के ही कुछ लोग वहां शवदाह के लिए आते हैं. ऐसे में यदि वहां विद्युत शवदाह चूल्हें का निर्माण होता है, तो बाहर से भी काफी लोग शव को लेकर वहां शवदाह करने के आयेंगे. स्वाभाविक तौर पर जनबहुल इलाका होने के कारण वहां रह रहे लोगों को परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही वहां शवदाह चूल्हे के निर्माण के पक्ष में नहीं है. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब लगता है कि इस समस्या का समाधान हो गया है. दूसरी तरफ माकपा नेता तथा पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य ने भी मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को अपने मंत्री पर भी नियंत्रण रखना चाहिए. उन्हें उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव को जोर-जबरदस्ती काम करने से रोकने के लिए समझाना चाहिए. इस बीच, वार्ड नंबर पांच के कांग्रेस अध्यक्ष तथा नागरिक मंच के नेता राजेश यादव ने भी मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत करते हुए उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव को उनके पद से हटाने की मांग की. श्री यादव विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को रोकने के लिए जारी आंदोलन की अगुवायी भी कर रहे हैं. वह इस आंदाोलन के कारण 22 लोगों के साथ करीब एक महीने तक जेल में बंद थे और हाल ही में जमानत पर रिहा हुए हैं.

श्री यादव ने कहा कि न केवल गौतम देव को उनके पद से हटाया जाना चाहिए, बल्कि इस आंदोलन में जिन लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज हुए हैं वह भी खत्म होना चाहिए. विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण कार्य को रोकने के लिए हो रहे आंदोलन के दौरान पुलिस ने ज्यादती की. पुलिस ने लोगों को पीटा और उल्टे उनके सहित कई लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करा दिये गये. उन्होंने इन सभी मुकदमों को खत्म करने की मांग की.

क्या है मामला
वार्ड नंबर पांच के रामघाट इलाके में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर पिछले कुछ महीनों से विवाद जारी है. स्थानीय लोग शवदाह चूल्हे के निर्माण का विरोध कर रहे हैं. जब इस निर्माण कार्य के लिए शिलान्यास करने हेतु उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव यहां आये थे तो स्थानीय लोगों ने उनका विरोध किया था. विरोध कर रहे लोगों को मंत्री गौतम देव ने बातचीत के लिए बुलाया. आरोप है कि बातचीत के क्रम में मंत्री ने महानंद मंडल तथा कई अन्य लोगों की पिटायी कर दी. उसके बाद ही यह मामला काफी गरमा गया है. बाद में जब वहां निर्माण कार्य शुरू हुआ, तब भी जमकर हंगामा हुआ. पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच भिड़न्त हुई. पुलिस ने जहां आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठियां भाजी, वहीं दूसरी ओर आंदोलन कर रहे लोगों ने भी तोड़फोड़ की और पुलिस जीप को आग के हवाले कर दिया. इस मामले में एक महिला सहित कुल 23 लोगों की गिरफ्तारी हुई. बाद में महिला को रिहा कर दिया गया. कांग्रेस, माकपा तथा अन्य दलों ने विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण कार्य को रोकने के लिए संयुक्त रूप से नागरिक मंच का भी गठन किया है. फिलहाल इसी मंच के बैनरतले आंदोलन चल रहा है.

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