21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उत्तर प्रदेश की राजनीति में क्या है शाही आयोजनों की भूमिका

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के शाही जन्मदिन के किस्से के बाद अब खबर है कि बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया सुश्री मायावती भी अपना जन्मदिन बहुत शान और शौकत से मनाने वाली हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मायावती अपना जन्मदिन शाही अंदाज में मना रही है. इससे […]

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के शाही जन्मदिन के किस्से के बाद अब खबर है कि बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया सुश्री मायावती भी अपना जन्मदिन बहुत शान और शौकत से मनाने वाली हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मायावती अपना जन्मदिन शाही अंदाज में मना रही है. इससे पहले भी मायावती का जन्मदिन सुर्खियों में रहा है. इस बार मायावती के जन्मदिन पर 15 जनवरी को यूपी के फतेहपुर जिले के हथगाम में 100 से ज्यादा वाहनों का काफिला निकालने की योजना बनाई जा रही है.

समाजवादी पार्टी तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के धूम-धाम से अपना जन्मदिन मनाने का हमेशा से विरोध करती आयी है. लेकिन मुलायम सिंह यादव ने अपना 75वां जन्मदिन शाही बग्धी में सवार होकर एक बड़े आयोजन के साथ मनाया. इस आयोजन के जरिये उन्होंने मायावती पर उठाये सवाल को एक अलग दिशा दे दी. इस तरह के विशाल आयोजनों ने यह साफ कर दिया कि ऐसे आयोजन अब इस प्रदेश में अपनी धाक दिखाने और जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण जरिया बनते जा रहे हैं, जिनके जरिये इन पार्टियों के द्वारा अपने खोये जनाधार और खिसकते वोट बैंक को समेटने की कोशिश की जाती है.

क्या लोकसभा चुनाव में करारी हार है कारण !
बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों ही पार्टियां उत्तर प्रदेश में अपने वजूद के लिए लड़ रही है. ऐसे में दोनों ही कोई ऐसा मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते जो उन्हें लोकप्रियता के नये शिखर पर लाकर खड़ी कर दे. लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों का प्रदर्शन उनकी वास्तविक स्थिति बयां करता है. समाजवादी पार्टी को जहां 80 में से सिर्फ पांच सीटें मिली, वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट हाथ नहीं लगी. अब दोनों ही पार्टियों की नजर 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है. यही कारण है कि समाजवाद के नाम पर बनी दोनों ही पार्टियां विशाल आयोजन के दम पर अपने जनाधार को अपनी तरफ करने में लगे हैं. एक तरफ 100 गांड़ियों का काफिला लोगों का आकर्षित करने में है तो दूसरी तरफ मुलायम की शाही बग्धी ने भी खूब सुर्खियां बोटरी.
सैफई महोत्सव पर घिरी समाजवादी पार्टी
हर साल सैफई महोत्सव में करोड़ो का खर्च करने वाली सपा सरकार कुछ सालों से इस आयोजन को लेकर घिरती जा रही है. पिछले साल मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के बावजूद सरकार ने इस आयोजन में कोई कमी नहीं छोड़ी. मुजफ्फरनगर कैंप में लोगों का दर्द और संगीत की धुन पर झूमते सितारों की तस्वीरों ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी. अंततः मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सैफई पर सफाई देने मीडिया के सामने आना पड़ा. आजमगढ़ में मुलायम सिंह के जन्मिदन पर भी खूब खर्च हुआ. ऐसे में ये सवाल जरूर उठता है कि इस तरह के आयोजन की आवश्यकता क्यों, क्या इस तरह के आयोजन से जनता के बीच पार्टी अपनी लोकप्रियता का प्रदर्शन करती है. क्षेत्रीय BSP विधायक मो. आसिफ के प्रतिनिधि मोहिउद्दीन एडवोकेट ने कहा, जन्मदिन उन्हीं का मनाया जाता है जो दूसरों के लिए जीते हैं. उन्होंने अपने संघर्ष के बल पर दलित एवं कमजोर वर्ग को सम्मान दिलाया है और चार बार प्रदेश की सीएम रही हैं और वर्ष 2017 में भी ‘बहनजी’ ही प्रदेश की बागडोर संभालेंगी. उनके बयान से साफ है कि यह आयोजन सिर्फ जन्मदिन के उद्धेश्य से नहीं किया जा रहा है. हर साल नेता अपने जन्मदिन के मौके पर खूद को प्रमोट करने के लिए इस तरह का विशाल आयोजन करते हैं. शाही बग्धी या 100 गाड़ियों के काफिले के साथ जनता के बीच पहुंचते हैं.
क्या बदल रहा है यूपी का जनमानस
लगता है प्रदेश के समाजवादी और लोहिया के शिष्य अब लोगों तक पहुंचने का अपना तरीका बदल रहे हैं. लंदन की बग्धी में लोगों के बीच पहुंचने की जुगत हमें यह सोचने के लिए मजबूर करती है कि ये कोशिश किस हद तक कामयाब होगी. क्या लंदन की बग्धी देखने आयी भीड़ वाकई नेताओं के करीब पहुंच पाती है या 100 गाड़ियों का काफिला आम जन को नेताओं के करीब पहुंचाता है. इस तरह के आयोजन से पार्टी को कितना फायदा मिलता है. इसकी कल्पना करना तो मुश्किल है लेकिन इन विशाल आयोजनों के बाद भी लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों के प्रदर्शन से साफ है कि सूबे का जनमानस अब बदल रहा है और जाग चुकी जनता के सामने दिखावों का ये मजमा भी ज्यादा दिन नहीं टिक सकता.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें