कोलंबो : श्रीलंका में गुरुवार हुए राष्ट्रपति चुनाव में लोगों ने काफी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. यह भारी मतदान राजपक्षे के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ. एक लंबे समय से राष्ट्रपति रहे महेंद्र राजपक्षे चुनाव हार गये हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंदी मैथ्रिपाला सिरिसेना की जीत हुई है.
राजपक्षे के प्रेस सचिव ने सूचना देते हुए कहा कि निवर्तमान राष्ट्रपति ने अपना सरकारी आवास भी ख़ाली कर दिया है. राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे का सीधा मुक़ाबला उनके पूर्व सहयोगी रहे मैथ्रिपाला सिरिसेना से ही था. सिरिसेना, महिंदा के मंत्रीमंडल में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं. हार का मुख्य कारण उनका पारिवारिक कारोबार के तौर पर सत्ता का इस्तेमाल बताया जा रहा है.
श्रीलंका में 2009 में गृहयुद्ध ख़त्म होने के बाद राजपक्षे की लोकप्रियता की लहर पर सवार होकर सत्ता तक पहुंचे थे लेकिन अब उन पर पक्षपात के आरोप लगने शुरू हो गए थे. उनके परिजन देश के कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पदों पर विराजमान थे और आलोचकों का कहना है कि वह देश को एक पारिवारिक कारोबार की तरह चला रहे थे.
सिरिसेना ने इस विचार का फ़ायदा उठाया है और सिंहलियों में लोकप्रियता हासिल की जो सामान्यत: राजपक्षे को वोट देते थे. हालांकि चुनाव से पूर्व राजपक्षे ने अपने जीतना का दावा किया था. उन्होंने कहा कि देश के सम्मान में उनके फैसलों को जनता स्वीकार करेगी और उन्हें फिर से राष्ट्रपति के तौर पर चुनेगी. लेकिन आज सुबह से ही चल रही मतगणना के बीच में ही राजपक्षे ने हार स्वीकार कर ली. बाद में आये परिणामों में उन्हें पराजित घोषित कर दिया गया.