लाइफ रिपोर्टर@पटनातमन्नाओं में उलझाया गया हूं, खिलौना दे कर बहलाया गया हूं… शाद अजीमाबादी के इस शेर को लगभग सभी जानते होंगे. इस शेर का मरतबा उस समय अव्वल हो गया, जब बिहार उर्दू अकादमी द्वारा मुशायरे का आयोजन हो रहा था. शाद अजीमाबादी के जन्मदिन के मौके पर हर शायर ने इस शेर को पढ़ा. शायर के हर अलफाज पर लोगों ने तालियों से हौसला-अफजाही की. गुरुवार को बिहार उर्दू अकादमी के सभागार का माहौल शायराना हो चुका था. इस मौके पर कई शायर ने अपनी शेरों से सबका दिल जीता.इस मौके पर काशिम खुर्शीद भी पहुंचे थे. उन्होंने एक शेर कहा. तुम्हारी याद में खोता नहीं हूं.मगर मैं रात भर सोता नहीं हूं.बरसों बहलने की सजा झेली हैखिलौने के लिए रोता नहीं हूं.इस शेर के बाद सभागार में मौजूद श्रोता और मौलाना मजहरुल हक यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जम कर तालियां बजायीं. ये भी थे मौजूदइस मौके पर कई शायर मौजूद थे. इनमें प्रौ तौकीर आलम, काशीम खुर्शीद. नाशाद औरंगाबादी, असर अफरीदी, इफ्तिखार आशिफा, हसन नवाब, कामरान जमी, प्रो मंजर अब्बास, इम्तियाज अहमद करीमी, शहनाज फातमी, डॉ नौशाद अहमद, आलीनुल्लाह हाली मौजूद थे. इन्होंने भी अपने बेहतरीन शेरों को सुनाया.
खिलौना दे कर बहलाया गया हूं
लाइफ रिपोर्टर@पटनातमन्नाओं में उलझाया गया हूं, खिलौना दे कर बहलाया गया हूं… शाद अजीमाबादी के इस शेर को लगभग सभी जानते होंगे. इस शेर का मरतबा उस समय अव्वल हो गया, जब बिहार उर्दू अकादमी द्वारा मुशायरे का आयोजन हो रहा था. शाद अजीमाबादी के जन्मदिन के मौके पर हर शायर ने इस शेर को […]
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