बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ को दिल्ली उच्च न्यायालय ने राहत प्रदान की है. दिल्ली उच्च न्यायालय का कहना है कि फिल्म में कुछ भी अपमानजनक नहीं है और इन आरोपों में कोई दम नहीं है. फिल्म कहीं से भी हिंदू संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को चोट नहीं पहुंचाती है.
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति आरएस एंडला की पीठ ने कहा कि फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है और गुणदोष के आधार पर विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा. पीठ ने कहा, आप हर चीज का बुरा नहीं मान सकते. हमें याचिका में बताए आरोपों में कोई दम नहीं लगी. हम गुणदोष के आधार पर ही इस आदेश पारित करेंगे.
राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बन रही इस फिल्म में धर्म पर चल रहे पाखंड का मुद्दा उठाया गया है. कई हिंदू संगठनों का यह फिल्म रास नहीं आई और कई हिंदू संगठनों ने इसका जमकर विरोध किया. सुनवाई के दौरान, अतिरिक्त सालिसिटर जनरल संजय जैन ने अदालत से कहा कि उच्चतम न्यायालय पहले ही इसी तरह की एक याचिका खारिज कर चुका है. उन्होंने कहा कि फिल्म के प्रमाणन के खिलाफ अपील दायर करने का प्रावधान है.
उच्च न्यायालय अजय गौतम की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में फिल्म पीके से आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुये यह दावा किया गया था कि फिल्म की सामग्री ने हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को धूमिल करने की कोशिश की है.