– चालकों का नहीं होता चरित्र सत्यापन – जितेंद्र का गांव पता करने में पुलिस को हुई थी परेशानी- काफी मशक्कत के बाद गांव व ससुराल का पता चलावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरकलेक्ट्रेट में अनुबंध पर वाहन उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई से जिला प्रशासन हिचक रहा है. बताया जाता है कि 15 से अधिक वाहन फिलहाल समाहरणालय में अनुबंध पर चल रहे हैं. लेकिन उसके चालक कोई लेखा-जोखा नहीं है. वाहन पर चालक की ड्यूटी करने वाले लोगों का चरित्र सत्यापन भी नहीं कराया गया है. लापरवाही का आलम यह है कि उन चालकों का पूरा ब्योरा भी उपलब्ध नहीं है. गैंगरेप की घटना सामने आने के बाद जितेंद्र पासवान के बारे में कोई भी जानकारी जिला प्रशासन या ठेकेदार के पास नहीं थी. काफी मशक्कत के बाद नगर पुलिस ने उसके बारे में छानबीन कर ब्योरा जुटाया था. उसके घर का पता करने के लिए काजीमोहम्मदपुर थाने के दारोगा विकास कुमार सिंह को बेगूसराय भेजा गया था. वह मूल रूप से बेगूसराय जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के भरडीहा गांव निवासी लोचन पासवान का पुत्र है. इसके पूर्व उसकी तलाश में उसी जिले के मंसूरचक व बछवाड़ा थाना क्षेत्र के कई गांव में छापेमारी की गयी थी. ठेकेदार की इस लापरवाही के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. बताया जाता है कि वह कई साल से वाहनों का ठेका ले रहा है. उसे कई अफसरों का आर्शीवाद प्राप्त है.
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गाड़ी देने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं?
– चालकों का नहीं होता चरित्र सत्यापन – जितेंद्र का गांव पता करने में पुलिस को हुई थी परेशानी- काफी मशक्कत के बाद गांव व ससुराल का पता चलावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरकलेक्ट्रेट में अनुबंध पर वाहन उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई से जिला प्रशासन हिचक रहा है. बताया जाता है कि 15 से अधिक वाहन […]
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