वाशिंगटन : कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड और कांग्रेस में ही उनके सहयोगी डॉ. एमी बेरा ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण की है. अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद गबार्ड ने कल अमेरिकी कांग्रेस के 114वें सत्र के शुरु होने के साथ गीता को साक्षी मानकर अपनी शपथ ग्रहण की.
उन्हें प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष जॉन बोहनर ने पद की शपथ दिलाई. दो साल पहले भी उन्होंने गीता को साक्षी मानकर शपथ ली थी. गीता की इस प्रति को उन्होंने गत सितंबर में न्यूयॉर्क में मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया था. हाल ही में दो सप्ताह के भारत दौरे के बाद अमेरिकी लौटीं, हवाई से डेमोके्रटिक सांसद गबार्ड ने कहा था कि उनका भारत दौरा बेहद सफल रहा. भारत में उन्होंने मोदी और शीर्ष भारतीय नेतृत्व से मुलाकात की थी.
वर्तमान कांग्रेस में सेवारत एकमात्र भारतीय अमेरिकी बेरा प्रतिनिधि सभा में भारत एवं भारतीय अमेरिकियों के ‘कांग्रेसनल कॉकस’ के सह अध्यक्ष के रुप में निर्वाचित हुए हैं. दलीप सिंह थिंड और बॉबी जिन्दल के बाद बेरा प्रतिनिधि सभा में निर्वाचित होने वाले तीसरे भारतीय-अमेरिकी हैं. बेरा ने कहा, ‘मैं अगले दो वर्षों में दोनों दलों के अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता हूं. साथ मिलकर काम करना ही एकमात्र रास्ता है जिससे हम अपने देश को आगे बढा सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमें एक ऐसी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण से शुरुआत करने की जरुरत है जो मध्यम वर्ग के लिए काम करे, जिम्मेदार बजट के साथ हमारे ऋण को नियंत्रण में लाए, और सामाजिक सुरक्षा तथा वर्तमान एवं भविष्य की पीढी के लिए चिकित्सा देखभाल प्रणाली को मजबूत करे, और मैं इस कांग्रेस में उन्हें अपनी शीर्ष प्राथमिकताएं बनाउंगा.’
बेरा विदेश मामलों और विज्ञान, अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित सदन समितियों में तथा समस्या समाधानकर्ता गुट के नेता के रूप में काम करना जारी रखेंगे. हाल ही में दो हफ्ते की अपनी भारत यात्रा से लौटीं गबार्ड ने कहा कि उनकी यात्रा अत्यंत सफल रही. इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा शीर्ष भारतीय नेतृत्व से मुलाकात की.
गबार्ड ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यात्रा एक बडी सफलता थी.’ हवाई से डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद गबार्ड ने कहा, ‘मैं हवाई से लोगों का परिचय कराने, और हमारे दो देशों के बीच संबंधों में गर्मजोशी लाने में मदद करने की उम्मीद से भारत गई थी. मेरा मानना है कि हमने दोनों उद्देश्य पूरे किए और मैं आशावादी हूं कि विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र एवं विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र के बीच सहयोग विस्तृत होगा.’
सदस्यों के शपथग्रहण के बाद कल 114वीं कांग्रेस के शुरुआत करने के साथ ही रिपब्लिकनों ने 109वें कांग्रेस सत्र (2005-2006) के बाद से पहली बार औपचारिक रूप से दोनों चैम्बरों-प्रतिनिधि सभा और सीनेट का नियंत्रण हासिल कर लिया. पेव रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि कांग्रेस के समूचे धार्मिक स्वरुप में थोडा बदलाव आया है.
प्रतिनिधि सभा और सीनेट के 10 में से नौ से ज्यादा सदस्य (92 प्रतिशत) ईसाई हैं, और करीब 57 प्रतिशत प्रोटेस्टैंट हैं, लगभग यही स्थिति 113वीं कांग्रेस (क्रमश) 90 और 56 प्रतिशत में थी. 10 में से करीब तीन सदस्य (31 प्रतिशत) कैथलिक हैं, यही स्थिति पूर्व की कांग्रेस में थी. बौद्धों, मुसलमानों और हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व अमेरिकी वयस्कों का दो प्रतिशत और कांग्रेस का एक प्रतिशत है.