वाशिंगटन : अमेरिका ने कैरी-लुगार-बर्मन प्रावधान के तहत पाकिस्तान को असैन्य सहायता के वास्ते पांच अरब डालर और आपात मानवीय सहायता के तौर पर एक अरब डालर दिया है, जबकि इस प्रावधान की समयसीमा अक्तूबर 2014 में पूरी हो गयी और उसका नवीकरण नहीं किया गया.
हालांकि इस बिल के तहत पाकिस्तान को दी गयी वित्तीय सहायता की वास्तविक धनराशि ज्ञात नहीं है. विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘केएलबी प्रावधान के तहत अमेरिका सरकार ने पाकिस्तान को असैन्य सहायता के रुप में पांच अरब डालर और 2010 की बाढ जैसी आपदाओं के लिए एक अरब डालर की आपात मानवीय सहायता दी.’
कैरी-लुगर-बर्मन विधेयक पर अक्तूबर, 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए थे और उसे पाकिस्तान के साथ साझेदारी में वृद्धि के रुप में भी जाना जाता है. उसमें 2009-2014 के दौरान पांच वर्ष तक हर साल 1.5 अरब डालर अमेरिकी सहायता देने का प्रावधान है.
इस बिल की समयसीमा अक्तूबर, 2014 में ही समाप्त हो गयी और उसका नवीकरण नहीं हुआ. लेकिन उसमें ऐसा प्रावधान है. अधिकारियों ने बताया कि कैरी-लुगर-बर्मन बिल के तहत पाकिस्तान को दी गयी वित्तीय सहायता की वास्तविक धनराशि ज्ञात नहीं है.
हालांकि विदेश विभाग के प्रवक्ता जेन साकी ने संवाददाताओं से कहा कि वर्ष 2013 में पाकिस्तान को 1.2 अरब डालर की असैन्य सहायता दी गयी. उसके बाद पाकिस्तान को असैन्य सहायता नहीं दी गयी. इस बिल के तहत विदेश विभाग को इस बात का प्रमाणपत्र देना होता है कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई समेत जरुरी शर्तों का पालन कर रहा है.