नयी दिल्ली : राबर्ट वाड्रा के खिलाफ आयकर विभाग की जांच मामले को नया मोड देते हुये वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि वाड्रा के खिलाफ आयकर विभाग का नोटिस भेजने की प्रक्रिया वित्त मंत्रालय में उनके (जेटली) कार्यभार संभालने से पहले ही शुरू हो चुकी थी.
इस तरह जेटली ने स्पष्ट संकेत दिया है कि प्रक्रिया संप्रग सरकार के कार्यकाल में शुरू हो चुकी थी. जेटली ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि जो भी नोटिस जारी हुआ है, उसकी प्रक्रिया मेरे वित्त मंत्रालय कार्यभार संभालने के पहले शुरू हो चुकी थी.’
जेटली ने एनडीटीवी से कहा, ‘यह पूरी प्रक्रिया मेरे वित्त मंत्री बनने से काफी पहले ही शुरू हो चुकी थी और जहां तक मेरी जानकारी है यह कंप्यूटरीकृत चयन के जरिये हुआ है कि किस मामले का आकलन किया जाना है, यह कोई अचानक किये गये ड्रा के जरिये नहीं किया गया. मामलों के लिये एक मानदंड है, जिसे आप चुन सकते हैं.’
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग की एक प्रणाली है जहां कोई व्यक्ति विशेष, यानी कर निर्धारण अधिकारी (नोटिस जारी करने के बारे में) निर्णय नहीं लेता है. वित्त मंत्री ने विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये कहा, ‘यदि कोई खास आयकर रिटर्न तय श्रेणियों में से किसी एक श्रेणी में आती है तो कप्यूटरीकृत प्रणाली स्वयं ही इसे जांच पडताल के लिये चुनती है और इसलिये यदि किसी रिटर्न में ऐसा कुछ है जिसकी जांच होनी चाहिये तो कंप्यूटर इसे तय करता है.’
जेटली ने कहा यह आकलन अधिकारी का काम है कि वह स्पष्टीकरण के लिये पूछताछ कर सकता है और यदि वैध जवाब मिल जाता है तो मामला वहीं समाप्त हो जायेगा. यदि वैध स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है तो फिर वह आकलन आदेश कर सकते हैं.