मुंबई. पिछले सप्ताह उपनगरीय ट्रेन सेवा बाधित होने और यात्रियों के आक्र ोश से निपटने के अधिकारियों के तौर तरीकों की आलोचना करते हुए शिवसेना ने सोमवार को केंद्र के अच्छे दिन के वादे पर चुटकी ली और पूछा कि लोगों से किये गये अच्छे दिनों के वादे का क्या हुआ? शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, यह सही है कि शुक्र वार को विरोध हुआ और वह हिंसक हो गया. लेकिन न तो पुलिस और न ही प्रशासन ने इस बात की जांच कराना जरूरी समझा कि किस कारण से लोग हिंसक हो गये. पार्टी ने जानना चाहा कि अगर ऐसी घटना कांग्रेस के शासनकाल के बाद भी जारी रहती है, तब अच्छे दिन का अनुभव कौन कर रहा है? केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारों में घटक शिवसेना ने कहा कि अगर ऐसे विरोध प्रदर्शन प्रशसन के प्रति लोगों के क्षोभ का परिणाम है, तब हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि यह कानून एवं व्यवस्था टूटने का कारण नहीं बने. सामना में संपादकीय में कहा गया है कि उपनगरीय रेल सेवा बाधित होने से काफी संख्या में लोगों का कामकाज ठप हो गया और परीक्षा देने जा रहे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. शिवसेना ने आगे कहा, क्या इसके लिए रेलवे से किसी को गिरफ्तार किया जायेगा. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मोबाइल रेल टिकट सेवा शुरू की है, लेकिन लोगों के टिकट खरीदने के बाद अगर ट्रेन नहीं चलती है, तब लोगों में नाराजगी होगी. गौरतलब है कि शुक्र वार को मुंबई में छह घंटे तक रेल सेवा बाधित रही थी और नाराज लोगों ने दीवा स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसने हिंसक रूप ले लिया था.
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शिवसेना ने कसा तंज, कहां हैं अच्छे दिन
मुंबई. पिछले सप्ताह उपनगरीय ट्रेन सेवा बाधित होने और यात्रियों के आक्र ोश से निपटने के अधिकारियों के तौर तरीकों की आलोचना करते हुए शिवसेना ने सोमवार को केंद्र के अच्छे दिन के वादे पर चुटकी ली और पूछा कि लोगों से किये गये अच्छे दिनों के वादे का क्या हुआ? शिवसेना ने अपने मुखपत्र […]
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