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सात से आंदोलन का एलान
गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस ने खोला मोरचा सिलीगुड़ी : दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में गोरखालैंड आंदोलन के बीच इस पूरे इलाके को सिक्किम में मिलाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस ने दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र को सिक्किम में मिलाने की मांग की है. आज सिलीगुड़ी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन […]
गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस ने खोला मोरचा
सिलीगुड़ी : दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में गोरखालैंड आंदोलन के बीच इस पूरे इलाके को सिक्किम में मिलाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस ने दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र को सिक्किम में मिलाने की मांग की है.
आज सिलीगुड़ी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी प्रवक्ता प्रमोशकर ब्लोन ने कहा है कि वह लोग इस मांग को लेकर वर्ष 2004 से ही केन्द्र तथा राज्य सरकारों को ज्ञापन आदि देने का काम करते आये हैं, लेकिन न तो केन्द्र सरकार और न ही राज्य सरकारों ने उनकी मांगों को लेकर कभी गंभीरता दिखायी. श्री ब्लोन ने आगे बताया कि केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को भी उन लोगों ने अपनी मांगों से अवगत करा दिया है. इससे पहले मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समक्ष भी वह लोग अपनी मांगों को रख चुके हैं. इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल सत्ता परिवर्तन के बाद बनी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार के समक्ष भी उन्होंने अपनी मांगें रखी. कहीं से आशा की कोई किरण नहीं दिखने के बाद बाध्य होकर वह लोग आंदोलन कर रहे हैं.
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कड़ी आलोचनी की.श्री ब्लोन ने कहा कि दाजिर्लिंग कभी भी बंगाल का भूभाग नहीं रहा है. यह जमीन सिक्किम की है. वर्ष 1986 में सुवास घीसिंग के नेतृत्व में शुरू हुए गोरखालैंड आंदोलन के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने एक श्वेत पत्र जारी कर दाजिर्लिंग को सिक्किम की भूमि करार दिया था. इतना ही नहीं, 6 अप्रैल 1978 को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी दाजिर्लिंग को सिक्किम का भूभाग बताया था और उस समय यहां रह रहे लोगों से दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र के सिक्किम में विलय हेतु आवाज उठाने की अपील की थी. पर्वतीय क्षेत्र में सशक्त राजनैतिक नेतृत्व नहीं होने के कारण इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी.
पदयात्र का आयोजन
श्री ब्लोन ने दाजिर्लिंग के सिक्किम में विलय की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करने की घोषणा भी की है. इस क्रम में 7 जनवरी को पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर दाजिर्लिंग के चौक बाजार में एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया गया है. इसके अलावा इस मांग को लेकर पदयात्र भी निकाली जायेगी. दाजिर्लिंग से रम्फू तक, रम्फू से सिंगताम तक तथा सिंगताम से सिक्किम की राजधानी गंगतोक तक पदयात्र निकालने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि वह इस मांग के समर्थन में जनमत तैयार करना चाहते हैं. वह दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में घर-घर जायेंगे और दाजिर्लिंग के सिक्किम में विलय के लिए जनमत तैयार करेंगे.
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