हल्दिया : सांसद अभिषेक बनर्जी को मंच पर चढ़ कर थप्पड़ मारने वाले युवक की तृणमूल समर्थकों ने बेरहमी से पिटाई की. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे बचाने की कोई कोशिश नहीं की. हमलावर युवक को अस्पताल पहुंचाना तभी संभव हो सका जब मंच से तृणमूल नेताओं ने घोषणा की कि उस युवक को जान से न मारा जाये क्योंकि तब उसके उद्देश्य (हमले का मकसद) का पता नहीं चल सकेगा. पुलिस तभी हरकत में आयी जब तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उसे छोड़ दिया. इसके बाद आरोपी को अस्पताल पहुंचाया गया. गौरतलब है कि पूर्व मेदिनीपुर में चंडीपुर के सभास्थल से थाने की दूरी महज कुछ मीटर है. मंच पर अभिषेक बनर्जी के दो निजी सुरक्षाकर्मी थे.
मंच पर किसी भी पत्रकार को परिचय पत्र दिखाने पर भी जाने नहीं दिया गया था. हालांकि तृणमूल के कार्यकारी जिलाध्यक्ष अखिल गिरि के मुताबिक, थप्पड़ मारने वाला युवक पत्रकार के तौर पर ही मंच पर चढ़ा था. जब सभी नेता-कार्यकर्ता सांसद को थप्पड़ मारने वाले युवक पर पिल पड़े तब मैदान में मौजूद पुलिस ने हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की. मैदान व उसके आसपास करीब 75 पुलिसकर्मी मौजूद थे. पास की सड़क बेहद व्यस्त होने के कारण ट्रैफिक व सभा में भाग लेने वालों को संभालने के लिए ही पुलिस की मौजूदगी अधिक थी. 15 मिनट तक उस युवक की पिटाई के दौरान पुलिस ने कुछ नहीं किया.
बाद में मंच के नीचे जब युवक घुस गया तब नेताओं ने माइक पर उसे छोड़ देने के लिए कहा. इसके बाद ही पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया. पुलिस पर उनके नेता (अभिषेक बनर्जी) को पर्याप्त सुरक्षा न देने का आरोप लगाते हुए लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाये. चंडीपुर एसडीपीओ राजू मुखर्जी सहित कई पुलिसकर्मियों को चोट लगी है. घटना के करीब आधे घंटे बाद पूर्व मेदिनीपुर पुलिस अधीक्षक सुकेश जैन भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. दूसरी ओर थप्पड़ लगने के तुरंत बाद ही अभिषेक बनर्जी को वहां से हटा लिया गया और जिला नेताओं ने उन्हें कोलाघाट तक छोड़ा, जहां से फिर वह अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ कोलकाता लौट आये.