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जमीन की कमी से लौट रहीं बड़ी कंपनियां, जल्द शुरू हो लैंड बैंक स्थापना की प्रक्रिया

पटना: बिहार में जमीन की कमी बड़ी समस्या बन गयी है. नेस्ले, आइटीसी, सेंचुरी सीमेंट समेत कई बड़ी कंपनियां लौट रही हैं. यही स्थिति रही, तो बड़े निवेशक बिहार से मुंह मोड़ लेंगे. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने उद्योगों के लिए बिहार के हर जिलों में 500 से 1,000 एकड़ का लैंड बैंक बनाने की मांग […]

पटना: बिहार में जमीन की कमी बड़ी समस्या बन गयी है. नेस्ले, आइटीसी, सेंचुरी सीमेंट समेत कई बड़ी कंपनियां लौट रही हैं. यही स्थिति रही, तो बड़े निवेशक बिहार से मुंह मोड़ लेंगे. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने उद्योगों के लिए बिहार के हर जिलों में 500 से 1,000 एकड़ का लैंड बैंक बनाने की मांग की है. बीआइए के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लैंड बैंक स्थापना की प्रक्रिया को जल्द-से-जल्द शुरू किया जाये.

निजी औद्योगिक क्षेत्र के भूखंड को लीज होल्ड जमीन की जगह फ्री होल्ड जमीन के रूप में आवंटन की व्यवस्था की जाये. बीआइए के अरबन डेवलपमेंट सब कमेटी के चेयरमैन नरेंद्र कुमार ने कहा कि बिल्डिंग बाइलॉज के निर्धारण व अधिसूचित हो जाने के बाद भी पटना नगर निगम द्वारा प्लानिंग रिपोर्ट स्वीकार नहीं किया जा रहा है. इस कारण नक्शा पास नहीं हो रहा है.

राज्य सरकार एमनेस्टी स्कीम लायें. ताकि छोटे-मोटे विचलन वाले भवनों पर पेनाल्टी लगा कर रेगुलराइज किया जाये. बीआइए के उपाध्यक्ष संजय गोयनका ने कहा कि उद्योगों के लिए फाइलिंग, रि-इंबर्समेंट आदि का काम ऑनलाइन किया जाये. बिहार में पर्यटन, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, टेक्सटाइल प्रक्षेत्र में निवेश की बहुत संभावनाएं हैं. केंद्र सरकार के तर्ज पर राज्य के उद्योगों के लिए 100 प्रतिशत खरीदारी में हिस्सेदारी को रिजर्व करने का जरूरी प्रावधान किया जाये. मौके पर बीआइए के उपाध्यक्ष निशिथ जायसवाल, संजय भरतिया थे.

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