पटना: हाइड्रोजन गैस से भरे बैलून बेच कर घर लौट रहा युवक बुट्टन कुमार (19) शुक्रवार की शाम सात बजे दुर्घटना का शिकार हो गया. एक अज्ञात वाहन ने वीरचंद पटेल पथ पर होटल चाणक्य के सामने उसके ठेले में टक्कर मार दी. इस दौरान सिलिंडर सड़क पर गिर कर ब्लास्ट कर गया और युवक के सिर के परखचे उड़ गये.
सिलिंडर तेज आवाज के साथ हवा में उड़ गया और सड़क के डिवाइडर पर लगे स्ट्रीट लैंप को चकनाचूर कर दिया. बुट्टन के साथ मौजूद उसके दोस्त राजकुमार को भी हल्की चोट आयी है. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर दो घंटे तक हंगामा किया और सड़क जाम रखा. बाद में प्रशासन ने अंत्येष्टि राशि तीन हजार रुपये देकर लाश को घटना स्थल से उठा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
बैलून बेच कर पढ़ाई भी करता था
अमर नाथ रोड के अदालतगंज केतारी मुहल्ले में रहने वाला उमाशंकर का पुत्र बुट्टन कुमार मिलर हाइस्कूल का छात्र था. पढ़ाई के साथ गैस बैलून बेच कर वह अपने परिवार का पेट पालता था. वह रोज मौर्या कॉम्प्लेक्स में बैलून का ठेला लगाता था. शुक्रवार की शाम वह अपने मुहल्ले के दोस्त राजकुमार के साथ घर लौट रहा था. ठेले पर गैस सिलिंडर रखा हुआ था. उसका दोस्त ठेले पर बैठा था और वह ठेले ढकेल कर ला रहा था. होटल चाणक्या के सामने पहुंचा था कि पीछे से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने ठेले में टक्कर मार दी. इस दौरान गैस सिलिंडर सड़क पर गिर कर ब्लास्ट कर गया. सिलिंडर युवक के सिर से टकराने के बाद करीब 25 फुट हवा में उड़ गयी और तेज धमाका हुआ. युवक के सिर के परखचे उड़ गये. उसकी तत्काल मौत हो गयी. टक्कर किस गाड़ी से लगी यह पता नहीं चल पाया है. आवाज सुन कर स्थानीय लोग वहां पहुंचे और तत्काल युवक को लेकर गार्डिनर अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं राजकुमार को हल्की चोट आयी है उसे उपचार के बाद घर भेज दिया गया.
परिजनों का बुरा हाल
बुट्टन उमाशंकर का बड़ा बेटा था. वह बैलून बेच कर घर का खर्च चलाता था. दुर्घटना के बाद परिवार का सहारा छिन गया है. बुट्टन के तीन छोटे भाई और एक बहन हैं. पिता उमाशंकर और मां लक्ष्मी देवी का रो-रो कर बुरा हाल है.
शव को दो घंटे सड़क पर रखा
घटना स्थल पर शव रख मृतक के परिजन व स्थानीय लोगों ने जम कर हंगामा किया. दो घंटे तक पुलिस प्रशासन मौके पर जमी रही, लेकिन लोगों ने लाश नहीं उठाने दिया. बाद में सिटी एसपी (मध्य) शिवदीप वामन लांडे और एसडीओ अमित कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने मृतक की मां लक्ष्मी देवी से वार्ता की और अंत्येष्टि राशि तीन हजार रुपये देकर शव उठाने का प्रयास किया. इस पर लोग नाराज गये और शव उठाने से रोक दिया. लोग और मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. बाद में पुलिस लोगों को समझा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
एक्सपर्ट व्यू. क्यों हुआ हादसा
विशेषज्ञों के मुताबिक सामान्यत: गुब्बारों में हाइड्रोजन और हीलियम गैस भरी जाती है. हीलियम गैस बहुत महंगी होती है और इसकी तुलना में हाइड्रोजन गैस आसानी से मिल जाती है. इसलिए इसका इस्तेमाल घड़ल्ले से किया जाता है. हाइड्रोजन गैस ज्वलनशील होती है. गुब्बारा बेचने वाले अधिकतर लोग पुराने सिलेंडर उपयोग करते हैं. ऐसे में खतरा और भी बढ़ जाता है. यही हाल इस घटना में हुआ. सिलिंडर जैसे ही ठेले से उछल कर सड़क पर गिरा, तो उसमें विस्फोट हो गया.