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ममता ने दिया आमंत्रण, विश्व बंग सम्मेलन में शामिल होंगे अरुण जेटली व नितिन गडकरी

ममता के आमंत्रण को केंद्रीय मंत्रियों ने किया स्वीकार राज्य सरकार की सूची में साइरस मिस्त्री व अंबानी बंधु भी शामिल सात जनवरी से शुरू होगा दो दिवसीय सम्मेलन कोलकाता : केंद्र में नयी सरकार आने के बाद से जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से विदेशों में भारत के प्रति निवेशकों का […]

ममता के आमंत्रण को केंद्रीय मंत्रियों ने किया स्वीकार
राज्य सरकार की सूची में साइरस मिस्त्री व अंबानी बंधु भी शामिल
सात जनवरी से शुरू होगा दो दिवसीय सम्मेलन
कोलकाता : केंद्र में नयी सरकार आने के बाद से जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से विदेशों में भारत के प्रति निवेशकों का उत्साह बढ़ा है, इस उत्साह की धारा से बंगाल को भी लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर संभव प्रयास कर रही हैं. यही कारण है कि राजनीतिक मंच पर भले ही तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के बीच तलवार टंगी हुई है, लेकिन राज्य में विकास के नाम पर सीएम ने इस दीवार को गिरा दिया है.
आगामी सात-आठ जनवरी 2015 को यहां आयोजित होनेवाले विश्व बंग सम्मेलन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय मंत्रियों को यहां आने के लिए आमंत्रित किया. इसके लिए उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से संपर्क भी किया था. श्री जेटली ने ममता बनर्जी के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.
इसके साथ ही सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के भी उपस्थित रहने की संभावना है, क्योंकि श्री गडकरी ने कुछ दिन पहले ही घोषणा की है कि वह इस सम्मेलन के दौरान ही दक्षिण 24 परगना जिले के सागर में डीप सी पोर्ट बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता करेंगे. वहीं, इस सम्मिट में पूरे देश से 500 से भी अधिक उद्योगपति उपस्थित रहेंगे, मुख्यमंत्री ने टाटा ग्रुप के साइरस मिस्त्री व रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी व एडीएजी के चेयरमैन अनिल अंबानी को भी आमंत्रित किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस सम्मिट में भारत के साथ ही जापान, यूएस, यूके, चीन व लग्जमबर्ग के उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी यहां पहुंच रहे हैं. इस सम्मेलन में विभिन्न सेक्टर के अनुसार बिजनेस-टू-बिजनेस व बिजनेस-टू-गवर्नमेंट सेमिनार का आयोजन भी किया जायेगा.
गौरतलब है कि केंद्र व राज्य सरकार के बीच अभी दो ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर दोनों के बीच सहमति नहीं बन रही है. पहला तो केंद्र सरकार द्वारा संशोधित जमीन अधिग्रहण विधेयक व दूसरा गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी). इन दोनों मुद्दों पर राज्य सरकार ने केंद्र का विरोध किया है, इसके बावजूद राज्य सरकार इस सम्मेलन में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस सम्मेलन में आमंत्रित करना चाहती है.
क्योंकि इस विधेयक का भले ही राज्य सरकार ने विरोध किया है, लेकिन उद्योग जगत ने केंद्र के जमीन अधिग्रहण व जीएसटी को स्वीकार किया है. बताया गया है कि इस सम्मिट में शहरी विकास व आवासन, आइटी, खाद्य प्रसंस्करण, होर्टिकल्चर व फ्लोरीकल्चर, एमएसएमई व टेक्सटाइल, हेल्थकेयर, शिक्षा, निर्माण, ऊर्जा, हॉस्पिटलिटी, पर्यटन, इंटरटेंमेंट व वित्तीय सेवाएं क्षेत्र को फोकस एरिया के रूप में रखा गया है.

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