महाराजगंज : आजादी के बाद कई सरकारें आयीं और गयीं, पर आजादी के पूर्व से ही महाराजगंज-दरौंदा पथ में शहर के दक्षिणी छोर पर स्वास्थ्य भवन व बोर्ड मिडिल स्कूल के सामने सड़क पर रहने वाले महादलित वर्ग के लोगों के लिए आवास का निर्माण नहीं हो सका. आज भी महादलितों को झोंपड़ीनुमा निवास स्थल में अपने जानवरों के साथ रहना पड़ता है.
उनके बच्चे सड़क पर खेलते-कूदते रहते है, जिनके के साथ कभी वाहनों से अप्रिय घटना घट सकती है. इस मार्ग से वीआइपी व सामान्य लोगों का आना जाना रहता है. कई बार महादलित की राजकीय टीम भी मुहल्ले का भ्रमण कर चुकी है. लेकिन उनके पुनर्वास की व्यवस्था अभी तक नहीं होने से महादलित तंबू व सिरकी तान कर निवास करने को विवश हैं.
क्या कहतीं हैं नगर अध्यक्ष
सड़क के किनारे से महादलितों के दूसरे स्थान पर पुनर्वास की बात कई बार बीस सूत्री की बैठक में उठायी गयी, मगर फाइलों में ही प्रश्न दब कर रह जाते हैं, जिसकी वजह से महादलितों के पुनर्वास की व्यवस्था नहीं हो पायी है.
शारदा देवी, नपं अध्यक्ष
पीएचसी के बगल में सरकारी जमीन है, जहां पर इन महादलितों को पुनर्वासित किया जा सकता है, लेकिन जमीन का क्या नेचर है. यह भूमि संबंधी अधिकारी ही बता सकते हैं.
इंदू देवी, वार्ड पार्षद
समय-समय महादलितों के पुनर्वास का प्रयास किया गया है. मगर महादलित वहां जाने से इनकार करते हैं. नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत किसी जमीन के बारे में नप के कार्यपालक पदाधिकारी ही विशेष रूप से बता सकते हैं. नगर विभाग द्वारा कोई आदेश प्राप्त होता है, तो पहल की जायेगी.
राजीव कुमार, डीसीएलआर, महाराजगंज