अररिया: नगर परिषद अररिया में हो रहे उथल-पुथल के बीच नगर पार्षद शबाना शाहीन ने समेकित आवास योजना के डीपीआर में गड़बड़ी को लेकर माननीय उच्च न्यायालय पटना में याचिका दायर की है. इस मामले में मुख्य पार्षद अफसाना प्रवीण, तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद यादव, अनिल कुमार, जिलाधिकारी, बिहार सरकार के आवास विभाग के प्रधान सचिव व मुख्य सचिव को पार्टी बनाया है.
इसके अलावा कंसोलेटेर आइपी गुप्ता को भी आरोपी बनाया गया है. दायर मामले में कहा गया है कि 29 वार्ड में से कुल 12 वार्ड के 728 लाभुकों का चयन किया गया था, जिसका डीपीआर तैयार किया गया. वार्ड संख्या 29 में कुल 93 लाभुकों का चयन किया गया था, लेकिन जब यह योजना जमीन पर उतरने लगी तो डीपीआर में छेड़छाड़ कर 12 वार्ड की जगह 16 वार्ड का डीपीआर बना दिया गया. इस खबर को प्रभात खबर ने आठ दिसंबर 2014 को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
बताना लाजमी होगा कि इसी मामले को लेकर वार्ड संख्या 23 की नगर पार्षद अनुराधा देवी ने भी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. मामले में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अनिल कुमार ने उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर 12 वार्डो के चयन की बात कही थी, लेकिन नगर पार्षद शशिभूषण झा ने सूचना अधिकार के तहत भारत सरकार से डीपीआर की प्रति मंगवायी, तो उसमें मात्र 12 वार्ड का चयन होने की बात सामने आयी. इसको लेकर नगर परिषद की राजनीति गरम हो उठी.
जिलाधिकारी के सकारात्मक पहल से निविदा में गड़बड़ी को लेकर थाना में कांड अंकित कराया गया. लेखापाल गिरफ्तार हुए. कार्यपालक पदाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद यादव की जगह कार्यपालक दंडाधिकारी निरंजन शर्मा ने ली. मुख्य पार्षद पति व नगर पार्षद शबाना शाहीन के पति परवेज आलम आमने-सामने हुए. दोनों पक्षों की ओर से नगर थाना में मामला दर्ज कराया गया. इस बीच उच्च न्यायालय में फिर से वाद दायर होने से एक बार फिर नप की सियासत गरम होगी. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.