भागलपुर: विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ के निर्माण को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी है. पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह से सड़क का निर्माण कार्य के लिए कांट्रैक्टर को मिला डेट लाइन 31 दिसंबर को पूरा हो गया है.
कांट्रैक्टर ने गुरुवार को सड़क बनाने का काम किया, लेकिन विभाग कांट्रैक्टर पर अबतक न तो कोई कार्रवाई कर सका है और न ही वर्क रिसाइन करने या उन्हें आगे समय देने का निर्णय ले सका है.
11 माह में 10.6 किमी लंबी विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ नहीं बन सका है. कांट्रैक्टर को एक बार नहीं, बल्कि प्राक्कलन के अनुसार निर्धारित तिथि 27 सितंबर के बाद कई बार मोहलत दी गयी है. कांट्रैक्टर को पहले कार्य प्रमंडल स्तर पर मोहलत मिला. सचिव ने 15 दिन का मोहलत दिये. इसके बाद मंत्री ललन सिंह शपथ पत्र लेकर कांट्रैक्टर को 31 दिसंबर तक का डेट लाइन तक में सड़क बना कर तैयार करने का मोहलत दिया, फिर भी समय पर सड़क नहीं बन सकी है.
कांट्रैक्टर के विरुद्ध विभाग को लिखा
डेट लाइन फेल होने पर पथ निर्माण कार्य प्रमंडल, भागलपुर कांट्रैक्टर के विरुद्ध कार्रवाई के लिए गुरुवार को विभाग को लिखा है. कांट्रैक्टर को भी नोटिस दिया गया है. अब अंतिम निर्णय विभाग को लेना है. जब तक निर्णय नहीं होता है, तब कांट्रैक्टर काम करायेंगे. अधिकारी की मानें तो कार्य के दौरान इंजीनियर देखरेख अवश्य करेंगे.
चार किमी से ज्यादा सड़क बननी है बाकी
विक्रमशिला एप्रोच पथ का निर्माण चार किमी से अधिक होना अभी बाकी है. गंगा पार क्षेत्र में साढ़े तीन किमी और गंगा के इस पार जीरोमाइल (भागलपुर) में आधा किमी है. इस हिस्से में फोर लेन होना है, साथ में डिवाइडर भी बनना है. अगर कांट्रैक्टर को समय मिल भी जाता है, तो अबतक के कार्य की प्रगति को देखते हुए उन्हें निर्माण में डेढ़ माह से ज्यादा समय लगेगा.
कांट्रैक्टर के विरुद्ध विभाग को लिखा गया है. वर्क रि साइन होना है या फिर उन्हें काम कराने के लिए आगे समय मिलना है, यह निर्णय विभाग लेगा. निर्णय आने तक सड़क का निर्माण कार्य होगा. कांट्रैक्टर को नोटिस भेजा है. वर्तमान में कार्य की उपलब्धता के आधार पर होने वाले भुगतान राशि में 10 प्रतिशत की कटौती की जा रही है. अगर काम कराने के लिए समय नहीं दिया गया, डेट लाइन के बाद के काम का उन्हें भुगतान नहीं किया जायेगा.
शैलेंद्र कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण कार्य प्रमंडल, भागलपुर
डेट लाइन पूरा हो गया है. अब आगे कांट्रैक्टर पर किस तरह की कार्रवाई होगी. उन्हें आगे काम कराने के लिए समय दिया जायेगा या नहीं, यह निर्णय जल्द लेकर बताया जायेगा.
लक्ष्मी नारायण दास, अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव सह अपर आयुक्त, पथ निर्माण विभाग, पटना