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33 लाख घरों को केरोसिन करता है रोशन
संजय रांची : राज्य भर के कुल 61.81 लाख घरों में से करीब 33.51 लाख घरों में आज भी बिजली नहीं है. बगैर बिजली वाले 32.84 लाख घरों में केरोसिन तेल से रोशनी हो रही है. पर सबसे बड़ा दुर्भाग्य उन 3850 परिवारों या घरों का है, जहां इस कंप्यूटर युग में भी अंधेरा है. […]
संजय
रांची : राज्य भर के कुल 61.81 लाख घरों में से करीब 33.51 लाख घरों में आज भी बिजली नहीं है. बगैर बिजली वाले 32.84 लाख घरों में केरोसिन तेल से रोशनी हो रही है. पर सबसे बड़ा दुर्भाग्य उन 3850 परिवारों या घरों का है, जहां इस कंप्यूटर युग में भी अंधेरा है. ये बेहद गरीब व ज्यादातर ग्रामीण लोगों के घर हैं.
पू सिंहभूम जिले के सबसे अधिक 563 व रांची जिले के 528 घरों में रोशनी का कोई साधन उपलब्ध नहीं है. तीसरा स्थान धनबाद जिले (523) का है. वर्ष 2011 की जनगणना के ये आंकड़े ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की पोल खोलते हैं. ऊर्जा विभाग यह दावा करता है कि राज्य के कुल 29445 आबाद (चिरागी) गांवों में से 27257 गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है.
यह अलग बात है कि पोल लगाने व बिजली के तार खींचने को भी गांवों का विद्युतीकरण होना मान लिया जाता है. अनगड़ा प्रखंड के जरगा, पैका, बोंगईबेड़ा, बानपुर व हेसलाबेड़ा इलाके में भी तीन वर्ष पहले पोल लगा कर तार खींच दिये गये थे. पर टाटीसिलवे से सिर्फ सात किमी दूर इन गांवों में बिजली आज तक नहीं पहुंची है. राज्य भर में ऐसे कई उदाहरण हैं. बिजली न होने से राज्य की करीब आधी आबादी के पास टीवी नहीं है. इन घरों के बच्चों की बेहतर पढ़ाई नहीं हो पाती.
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