महेंद्र सिंह धौनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास क्यों लिया इसका जवाब वर्ष 2014 में भारत के प्रदर्शन से मिल सकता है. वर्ष 2014 में जिंबाब्वे एक मात्र ऐसी टीम थी जिसका टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन भारत से भी खराब रहा था.
भारत ने पूरे साल में 10 टेस्ट मैच खेले और उसे सिर्फ एक जीत मिली. धौनी से इस असफलता की जिम्मेवारी अपने ऊपर ली और टेस्ट क्रिकेट से पूरी तरह खुद को अलग कर लिया. हालांकि, उनकी अगुआई में वनडे क्रिकेट में भारत की सफलता का सिलसिला जारी है. पिछले साल भारतीय टीम वनडे में सर्वाधिक जीत दर्ज करने वाली दूसरी टीम थी. लिहाजा धौनी ने वनडे कैरियर जारी रखने का फैसला किया. अब उनकी नजरें ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में हो रहे वनडे वर्ल्ड कप है. धौनी लगातार दूसरी बार भारत को वनडे का वर्ल्ड चैंपियन बनाना चाहते हैं.
* सिडनी से शुरू होगी विराट की चुनौती
टेस्ट क्रिकेट में भारत के नये कप्तान विराट कोहली ने एडिलेड में पहली बार अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया. ऑस्ट्रेलिया ने बेहद नजदीकी मुकाबले में भले ही जीत दर्ज कर ली लेकिन विराट ने दोनों पारियों में शतक जमाकर साबित कर दिया कि कप्तानी का बोझ उनके प्रदर्शन को प्रभावति नहीं कर सकता. अब विराट सिडनी में टीम इंडिया की कमान संभालेंगे. वह ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट क्रिकेट में जीत का सात साल का सूखा खत्म करने के इरादे से उतरेंगे. साथ ही वह बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन कर यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि एडिलेड में उनका खेल कोई तुक्का नहीं था.