बीसीसीआई के सचिव संजय पटेल ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि महेंद्र सिंह धौनी पर संन्यास लेने के लिए न तो बोर्ड ने और न ही चयनकर्ताओं ने किसी तरह का दबाव बनाया था. उन्होंने बताया कि धौनी ही वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने उप कप्तान की नियुक्ति के लिए बोर्ड पर दबाव बनाया.
जब संजय पटेल से यह पूछा गया कि क्या धौनी को एक फेयरवेल टेस्ट मिलना चाहिए था? इस सवाल के जवाब में संजय पटेल ने कहा कि धौनी एक ऐसा व्यक्तित्व है, जिसे फेयरवेल टेस्ट की जरूरत नहीं है. अगर उन्हें इसकी चाहत होती, तो वे अगले वर्ष दक्षिण अफ्रीका के साथ खेली जाने वाली टेस्ट श्रृंखला के समय संन्यास लेते. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ऐसा निर्णय कोई शेरदिल इंसान ही कर सकता है. उन्होंने कहा कि न तो बोर्ड और न ही चयनकर्ता उन्हें टीम पर बोझ समझते हैं.
संजय पटेल ने अखबार के साथ बातचीत में कहा कि हम यह चाहते थे कि धौनी और कम से कम दो वर्ष टेस्ट खेलें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. अब हम उम्मीद करते हैं कि वे कम से कम 2019 तक क्रिकेट खेलें. संजय पटेल ने इस बात से असहमति जतायी कि अब जबकि टीम इंडिया का कप्तान टेस्ट टीम और एकदिवसीय टीम में अलग-अलग होगा, तो टीम में दो केंद्र बन जायेंगे. उन्होंने कहा कि दो कप्तान की थ्योरी टीम को रणनीति बनाने में मदद करेगी और टीम ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करेगी, ऐसी उम्मीद की जा सकती है.