सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी में मेट्रोपोलिटन कोर्ट की स्थापना को लेकर सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन द्वारा जारी सीज वर्क आंदोलन के कारण धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ती जा रही है. किसी भी प्रकार की अदालती कार्रवाई नहीं होने के कारण सिलीगुड़ी जेल कैदियों से भर गयी है. सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के तहत भक्तिनगर थाना को छोड़ दें तो बाकी बचे सिलीगुड़ी थाना, प्रधान नगर थाना, माटीगाड़ा थाना के अलावा नक्सलबाड़ी, खोरीबाड़ी, आमबाड़ी, फांसीदेवा आदि थाना क्षेत्र में पकड़े गये अपराधियों की सुनवाई सिलीगुड़ी कोर्ट में होती है. पिछले आठ दिसंबर से यहां वकीलों का सीज वर्क आंदोलन जारी है.
जिसकी वजह से पुलिस जिन अपराधियों को गिरफ्तार कर रही है, उन्हें जेल भेज दिया जा रहा है. इसकी वजह से सिलीगुड़ी जेल में कैदियों की भरमार हो गई है. जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां पहले से ही भारी संख्या में विचाराधीन कैदी भरे पड़े हैं. इन कैदियों को निर्धारित तिथि को सुनवाई के लिए सिलीगुड़ी अदालत ले तो जाया जाता है, लेकिन वकीलों के सीज वर्क आंदोलन के कारण सुनवाई नहीं होती है और इन्हें फिर से जेल ले आया जाता है.
इसके अलावा विभिन्न थानों से हर दिन ही 35 से 40 विचाराधीन बंदी सिलीगुड़ी जेल भेजे जा रहे हैं. जाहिर तौर पर इतने कैदियों की भरमार से सिलीगुड़ी जेल की स्थिति बिगड़ती जा रही है. यहां कभी भी पहले से सजा काट रहे और विचाराधीन कैदियों के बीच हिंसक झड़प की घटना हो सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसारी सिलीगुड़ी जेल प्रशासन ने इस गंभीर स्थिति की जानकारी सिलीगुड़ी के एसीजीएम को दे दी है. जेल प्रशासन ने एसीजीएम को बता दिया है कि जेल में अब और अधिक कैदियों की रखने की क्षमता नहीं है. जेल प्रशासन से यह रिपोर्ट मिलने के बाद एसीजीएम ने सिलीगुड़ी अदालत में सुनवाई करने वाले विभिन्न जजों को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार आरोपियों को जमानत देने की बात कही है. इसके अलावा विभिन्न थानों में गैर जमानती धाराओं में पकड़े गये आरोपियों को पीआर बांड पर छोड़ने की व्यवस्था की जा रही है. इस बीच, वकीलों के आंदोलन के खत्म होने की कोई संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है. इतने दिन बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से अब तक किसी भी मंत्री या अधिकारी ने वकीलों से बातचीत नहीं की है. सरकार के इस निर्णय की वृहत्तर सिलीगुड़ी नागरिक मंच के सलाहकार समिति के सदस्य सोमनाथ चटर्जी ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी जेल में स्थिति विस्फोटक हो रही है. सिलीगुड़ी जेल में इतनी ढांचागत सुविधाएं नहीं है कि वहां इतने अधिक संख्या में कैदियों को रखने की व्यवस्था हो सके. उन्होंने राज्य सरकार से शीघ्र ही इस मामले में वकीलों के साथ बातचीत कर समस्या के समाधान की मांग की है.
दूसरी तरफ सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के सदस्य विजय कुमार वर्मा ने कहा है कि जब तक सिलीगुड़ी अदालत परिसर में मेट्रोपोलिटन कोर्ट की स्थापना पर राज्य सरकार कोई नहीं ले लेती तब तक वकीलों का आंदोलन जारी रहेगा. श्री वर्मा ने कहा कि भक्तिनगर थाना सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के तहत है और इस थाने में दर्ज मामले की सुनवाई जलपाईगुड़ी कोर्ट में होती है जो किसी भी तरह से तार्किक नहीं है. सिलीगुड़ी के लोगों को जो सुविधाएं एक किलोमीटर के अंदर मिल सकती है, उसको पाने के लिए 50 किलोमीटर दूर जलपाईगुड़ी का चक्कर काटना पड़ता है. जिसका कोई औचित्य नहीं है. श्री वर्मा ने राज्य सरकार से शीघ्र ही इस समस्या के समाधान की मांग की.
रामघाट के आरोपी भी फंसे
वकीलों के सीज वर्क आंदोलन के कारण रामघाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर हुई संघर्ष की घटना में गिरफ्तार 22 लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में कांग्रेस नेता राजेश यादव, माकपा के महानंद मंडल सहित 6 छात्र भी जेल में हैं. इन सभी पर गैर जमानती धाराएं लगी हुई है. वकीलों के सीज वर्क आंदोलन के कारण इन सभी लोगों के मामले की सुनवाई भी सिलीगुड़ी कोर्ट में नहीं हो रही है. जिसकी वजह से इन लोगों के जमानत का मामला भी लटका हुआ है.