इस नये वर्ष में उम्मीद करें कि हमारा देश तेजी से तरक्की करे, जिसमें सभी के लिए समान अवसर रहे. सभी का परिवार सुखमय हो, कोई भूखा न सोये, गरीबी मिटे, उग्रवाद और आतंकवाद का खात्मा हो. सुरक्षा व्यवस्था ऐसी कि लड़कियां सड़कों पर विश्वास के साथ आ-जा सकें.
नया वर्ष, नयी उम्मीद, नयी उमंग. इसी सकारात्मक सोच के साथ नये साल का स्वागत किया जाना चाहिए. गुजरे वर्ष को लेकर चिंतित हुए बगैर. साल जब बीत जाता है, तो कई खट्टी-मिट्ठी यादें भी उससे जुड़ी होती हैं. कुछ ऐसी यादें, जिन्हें आप हमेशा याद करना चाहते होंगे, लेकिन कई ऐसी बातें भी होती हैं, जिन्हें याद करने से तकलीफें बढ़ेंगी. इसलिए इसे भूलना ही बेहतर होता है. यह भी सत्य है कि कड़वी यादें आसानी से पीछा नहीं छोड़तीं. इसके लिए आपको अपने मन से मजबूत होना होगा. आपको भगवान पर भरोसा करना होगा.
हर मनुष्य के जीवन में सुख और दुख दोनों आते रहते हैं. अच्छी और बुरी खबरें आती रहती हैं. सफलता-असफलता मिलती रहती है. संभव हो कि बीते वर्ष किसी को नौकरी में असफलता मिली, रोजगार नहीं मिला, किसी का व्यवसाय नहीं चला, किसी ने अपने प्रियजन को खोया, कोई बीमारी से परेशान रहा, किसी का कोई सपना टूटा, लेकिन इन बातों को ढोने से कुछ नहीं होनेवाला है. आपका भविष्य बेहतर हो, नया साल बेहतर हो, नये साल में सब कुछ ठीक-ठाक हो, यही सोच कर सकारात्मक रूप से नये वर्ष का आरंभ करना चाहिए.
लेकिन, सिर्फ सोचनेभर से बदलाव नहीं होता. अच्छे कर्म के बल पर अपने भविष्य को बदला जा सकता है. अपनी किस्मत लिखी जा सकती है. यह तभी संभव होता है, जब आप लक्ष्य तय करें. इसलिए नये साल को उत्साह से मनायें. लेकिन, इसके पहले तय करें कि नये साल में आपको करना क्या है? आपका लक्ष्य क्या है? फिर उस लक्ष्य को पाने के लिए नये साल (एक साल) में आपको यह रणनीति तय करनी होगी, उसके लिए प्रयास करना होगा. सिर्फ लक्ष्य तय करने से कुछ नहीं होगा. अगर आप ठान लें, तो आपके लिए दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. लक्ष्य तय करने के पहले अपनी अंतरआत्मा से पूछें कि गत वर्ष आपने क्या-क्या गलतियां कीं, किसे पीड़ा पहुंचायी. अगर कहीं असफलता मिली हो, तो उसके कारणों को जानिए, तलाश कीजिए. फिर उन कमियों को नये साल में दूर करने का प्रयास कीजिए.
मनुष्य हैं तो कमजोरियां तो होंगी ही. हर साल प्रण लेते हैं, कसम खाते हैं कि नये साल में यह काम नहीं करेंगे, यह दुगरुण (शराब, धूम्रपान या नशे की लत, बेईमानी, धोखेबाजी आदि). लेकिन नये वर्ष का पहला सप्ताह गुजरते ही सब भूल जाते हैं. फिर वही धन कमाने के लिए अनैतिक रास्ते अपनाते हैं. तो फिर ऐसे वायदे करते ही क्यों हैं? किसने कहा है ऐसे झूठे वादे करने को? नये वर्ष में इन कमियों पर काबू पाना होगा. दुनिया उसी को याद रखती है, जिसने दुनिया को कुछ अच्छी चीजें दी हैं, जिनकी समाज और देश के निर्माण में बड़ी भूमिका रही है. इसलिए आप सोचें कि इस सूची में आप कहां खड़े हैं? आपने इस दुनिया, अपने समाज और अपने देश को क्या दिया है, इस पर चिंतन भी करें.
युवाओं के लिए नया वर्ष खास उम्मीद लेकर आया है. कैरियर बनाने का वक्त है. अगर छात्र हैं, युवा हैं, तो आपके पास परीक्षाओं में बेहतर करने, अच्छी नौकरी पाने का अवसर है. पूर्व की असफलता पर गौर करने से बेहतर है नये साल में कड़ी मेहनत और ईमानदारी से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना. निराश होने से काम नहीं चलनेवाला. इस डर से कि सीटें कम होती हैं और नेताओं-अफसरों के बेटों-रिश्तेदारों को वह नौकरी मिलेगी, अगर आप परीक्षा में उतरेंगे, तो नुकसान आपका ही होगा. आशा के साथ, संकल्प के साथ अपने कर्म में जुट जायें.
भारतीय संस्कृति की अपनी ताकत रही है. इसी की एक कड़ी है संयुक्त परिवार. जहां माता-पिता, भाई-बहन पूरा परिवार साथ रहता है. यह परंपरा टूट रही है. घर में बुजुर्ग माता-पिता पड़े रहते हैं, कोई देखनेवाला नहीं होता. उन्हें अकेलापन खलता है. नये वर्ष में यह जरूर संकल्प लें कि माता-पिता और अपने परिवार का ख्याल करेंगे. गुजरा समय वापस नहीं आता. ऐसा न हो कि आज धन कमाने की लालसा में आप परिवार को समय न दें और बाद में आपको पछताना पड़े.
इस नये वर्ष में उम्मीद करें कि हमारा देश तेजी से तरक्की करे, जिसमें सभी के लिए समान अवसर रहे. सभी का परिवार सुखमय हो, कोई भूखा न सोये, गरीबी मिटे, उग्रवाद और आतंकवाद का खात्मा हो. सुरक्षा व्यवस्था ऐसी कि लड़कियां सड़कों पर विश्वास के साथ आ-जा सकें. देश से ऐसी-ऐसी प्रतिभाएं निकलें, जो दुनिया में राज करें. ये सारे सपने पूरे हो सकते हैं, अगर लोग अपनी जिम्मेवारी को अच्छी तरह से समङों और अपनी सार्थक भूमिका निभाएं. नये साल के लिए योजना बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखना होगा कि सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए योजना न बनायें, बल्कि समाज और देश को भी देखें. उसे समय दें. उत्साह से मनायें नया वर्ष. लेकिन इस बात का भी ख्याल करें कि आपकी गलत हरकत से किसी को परेशानी न हो.. नव वर्ष मंगलमय हो!
अनुज कुमार सिन्हा
वरिष्ठ संपादक
प्रभात खबर
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