क्रिकेट को जेंट्लमैंस का खेल कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह का आचरण खिलाड़ी करते रहे हैं, इसे भद्रजनों का खेल कहना मुश्किल हो गया है. भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान ब्रिसबेन टेस्ट और मेलबर्न टेस्ट के दौरान जो कुछ हुआ, वह क्रि केट जगत के लिए शर्मनाक है.
भारतीय दृष्टिकोण से देखें,तो यह कहा जा सकता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले मैच में तनाव होता है और खिलाड़ी रस्साकशी करते नजर आ जाते हैं. छींटाकशी भी होती है, इसका कारण इन दोनों देशों का इतिहास है. हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि पाकिस्तान और भारत ने विभाजन का दंश झेला है, जिसका दर्द आज भी दोनों देशों के रिश्तों में दिखता है.
लेकिन अन्य देशों के साथ भारत के रिश्ते ऐसे नहीं हैं. फिर आखिर क्यों जेंट्लमैंस क्रिकेट में अभद्रता गाहे-बगाहे नजर आ ही जाती है. यहां हम चर्चा कर रहे हैं कुछ वैसे ही वाकयों की जब टीम इंडिया और विरोधी टीम के खिलाड़ी अभद्रता करते नजर आये
रविंद्र जडेजा और जेम्स एंडरसन : वर्ष 2014 में भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व में इंग्लैंड गयी थी. वहां भारतीय बल्लेबाज रविंद्र जडेजा और इंगलिश बॉलर जेम्स एंडरसन के बीच तनातनी ग्राउंड में हुई थी. ड्रेसिंग रूम में भी इनके बीच तनाव की खबरें आयीं थीं, इस विवाद के बीच कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने जडेजा का बचाव किया था और कहा कि उन्हें उकसाने की कोशिश की गयी थी. उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया था. जबकिन इंगलिश खिलाड़ियों का वक्तव्य इसके विपरीत था.
विराट कोहली और मिशेल जानसन : ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिशेल जानसन और भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली के बीच विवाद और बकझक वर्तमान दौरे में चर्चा के केंद्र में है. मेलबर्न टेस्ट में तो जानसन ने जानबूझकर कोहली पर बॉल थ्रो किया, हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की. यहां विराट कोहली ने भी काफी आक्रामक रवैया दिखाया और कहा कि उन्हें बिगड़ैल लड़का कहा गया. हालांकि इस मामले में दोनों टीमों ने समझदारी दिखायी और मामला ग्राउंड पर ही सलट गया.
एंड्रयू सिमंस और हरभजन सिंह : वर्ष 2008 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ग्राउंड में खेले गये मैच में इन दोनों खिलाड़ियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई थी. सिमंस का आरोप था कि हरभजन ने उन्हें मंकी कहकर गाली दी है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई हो. हरभजन के खिलाफ आईसीसी ने कार्रवाई भी की थी और उनपर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगा था. यह विवाद काफी चर्चा में रहा था.
सुनील गावस्कर और डेनिस लिली : वर्ष 1981 में मेलबर्न के क्रिकेट ग्राउंड पर सुनील गावस्कर को अंपायर ने डेनिस लिली की बॉल पर पगबाधा आउट करार दिया था. इस फैसले से सुनील गावस्कर नाखुश थे और वे ग्राउंड से जाने को तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में वे ग्राउंड से जाने लगे, तब डेनिस लिली ने उनपर टिप्पणी कर दी थी. इस टिप्पणी से गावस्कर इतने नाराज हुए थे कि उन्होंने ग्राउंड से अपने साथी चेतन चौहान को भी वापस पवेलियन चलने का निर्देश दे दिया था. उस वक्त सुनील गावस्कर टीम के कप्तान थे. हालांकि उस वक्त ऐसी घटनाएं न के बराबर होतीं थीं, इसलिए सुनील गावस्कर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.