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समुद्र की तलहटी में डूबा हो सकता है एयर एशिया का लापता विमान !

जकार्ता/सिंगापुर : इंडोनेशिया से उड़ान भरने के बाद लापता हुए एयर एशिया के विमान की खोजबीन में आज दूसरे दिन भी कई देश लगे रहे, जबकि इस विमान के समुद्र की तलहटी पर होने की आशंका जताई गई है. विमान में 162 लोग सवार थे. सिंगापुर जा रही उड़ान क्यूजेड 8501 की खोजबीन में लगे […]

जकार्ता/सिंगापुर : इंडोनेशिया से उड़ान भरने के बाद लापता हुए एयर एशिया के विमान की खोजबीन में आज दूसरे दिन भी कई देश लगे रहे, जबकि इस विमान के समुद्र की तलहटी पर होने की आशंका जताई गई है. विमान में 162 लोग सवार थे.
सिंगापुर जा रही उड़ान क्यूजेड 8501 की खोजबीन में लगे इंडोनेशिया के एक हेलीकॉप्टर ने जावा सागर में दो स्थानों पर तेल बिखरा हुआ देखा. वहीं, एक ऑस्ट्रेलियाई तलाशी विमान ने नांग्का द्वीप के पास संदिग्ध वस्तुएं पाई हैं. विमान का संपर्क जिस स्थान पर टूटा था, वहां से यह द्वीप 1,000 किलोमीटर से अधिक दूर है.
हालांकि, इंडोनेशिया के उप राष्ट्रपति जुसुफ कल्ला ने बाद में बताया कि ऑस्ट्रेलिया विमान ने जो तेल बिखरा देखा है, वह लापता विमान का नहीं है. इसकी जांच की गई है और जो सूचना थी उसकी पुष्टि के लिए कोई पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाया गया. उन्होंने सुराबया हवाईअड्डे पर एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. विमान ने इसी स्थान से उड़ान भरी थी.
इंडोनेशिया एयर फोर्स के प्रवक्ता रियर मार्शल हादी ताहनंतो ने मेट्रो टीवी को बताया कि इंडोनेशियाई हेलीकॉप्टर ने बेलीतुंग द्वीप के पूर्व में स्थित जावा सागर में दो स्थानों पर तेल बिखरा हुआ पाया लेकिन इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है कि इन चीजों का लापता विमान से कोई संबंध है.
एयर बस ए320-200 ने कल उड़ान भरने के एक घंटे बाद एयर ट्रैफिक नियंत्रण से संपर्क खो दिया. दरअसल, पायलटों ने खराब मौसम के चलते विमान को अधिक उंचाई पर ले जाने का अनुरोध किया था जिसके कुछ ही समय बाद विमान के साथ संपर्क टूट गया.
राष्ट्रीय तलाश एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख बाम्बंग सोइलीस्तयो ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें मिली सूचनाओं और समुद्र में विमान का दुघर्टनास्थल होने के मूल्यांकन के आधार पर यह परिकल्पना की जा रही है कि विमान समुद्र की तलहटी पर है.
उन्होंने बताया, यह शुरुआती आशंका है और हमारी तलाश के नतीजे के मूल्यांकन के आधार पर यह तस्वीर बन सकती है. सोइलीस्तयो ने बताया कि यदि विमान समुद्र की तलहटी पर पाया जाता है तो विमान को सतह पर लाना चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि उनके पास पानी में उतारने लायक उपकरण नहीं हैं.
खराब मौसम के चलते विमान को 32,000 फुट की ऊंचाई से 38,000 फुट की ऊंचाई पर ले जाने के लिए पायलट का रडार नियंत्रण से आखिरी संचार एक अनुरोध के रुप में था.
बाम्बंग ने बताया कि अनुरोध को फौरन ही स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि 34,000 फुट की ऊंचाई पर कथित तौर पर एक अन्य विमान भी था.
एयर एशिया जेटलाइनर से कोई आपातकालीन संदेश भी नहीं भेजा गया. एयर एशिया ग्रुप के सीईओ टॉनी फर्नांडीज ने जकार्ता हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, आज तक, हमने किसी की जान नहीं गंवाई है. वह भारतीय मूल के हैं.
एयर एशिया उडान क्यूजेड 8501 में एक ब्रिटिश, एक मलेशियाई, एक सिंगापुरी, तीन दक्षिण कोरियाई, 149 इंडोनेशियाई (चालक दल के सात सदस्य और एक फ्रांसीसी सह पायलट) सवार थे. इनमें से 17 यात्री बच्चे थे. विमान में कोई भारतीय नागरिक नहीं था.
यह लापता विमान इंडोनेशिया-एयर एशिया का है जिसमें 51 फीसदी हिस्सेदारी फेरसींदो नुसापेरकासा की है जबकि शेष 49 फीसदी हिस्सेदारी मलेशियाई कंपनी एयर एशिया बेरहाड की है.
सोइलीस्तयो ने बताया कि विमान का आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमिटर को स्वत: काम करना चाहिए था और सिग्नल भेजना था लेकिन इंडोनेशिया या आस-पास के देशों के नियंत्रण केन्द्रों को कोई सिग्नल नहीं मिला.
उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इंडोनेशिया की राष्ट्रीय तलाश एवं बचाव एजेंसी खोजबीन की कोशिशों का नेतृत्व कर रही है. तलाश का यह अभियान इंडोनेशिया के बांग्का द्वीप के तट से 270 समुद्री मील के दायरे में केंद्रित है. यह द्वीप टीन की खानों और काली मिर्च की खेती का केंद्र है.
लापता विमान के तलाश के क्षेत्र के दायरे को बाद में बढाया गया. हालांकि, तलाश का दायरा शुरु में चार सेक्टर में केंद्रित था लेकिन बाद में इसे सात सेक्टरों में विस्तृत कर दिया गया.
विमान का संपर्क टूटने के समय मिले डेटा और मौसम की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पूरक डेटा के आधार पर तलाश का क्षेत्र निर्धारित किया गया. इंडोनेशियाई एजेंसी ने तलाश अभियान में 12 जहाजों, 10 नौकाएं और दो हेलीकॉप्टरों को लगाया है.
अधिकारियों ने बताया कि मलेशिया और सिंगापुर ने तीन-तीन जहाज और एक-एक हरक्यूलस विमान को लगाया है. इंडोनेशियाई वायुसेना ने दो हरक्यूलस विमान, एक बोइंग 737 और दो प्यूमा विमान तैनात किए हैं जबकि इंडोनेशियाई नौसेना ने दो जंगी जहाजों को तैनात किया है. इसके अलावा, आस्ट्रेलियाई रक्षा बल ने तलाश में मदद के लिए एक एपी-3सी ओरियन समुद्री गश्त विमान को तैनात किया है.
पूर्वी बेलीतुंग में मंग्गार में इंडोनेशियाई सेना की तलाश एवं बचाव टीम तलाश क्षेत्र के मछुआरों को भी सूचना दे रही है. भारत सहित पांच देशों ने व्यापक तलाश एवं बचाव अभियान में मदद की पेशकश की है.
एयर एशिया का छह साल पुराना विमान एयरबस ए 320-200 जुनादा हवाईअड्डे से उड़ान भरने के 42 मिनट बाद इंडोनेशियाई वायुक्षेत्र में जावा सागर के उपर से गुजर रहा था कि तभी एयर ट्रैफिक कंट्रोल से उसका संपर्क टूट गया.
एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने बताया कि विमान को सिंगापुर के चांगी हवाईअड्डे पर सुबह साढे आठ बजे उतरना था. पायलट ने रेडियो से संपर्क टूटने के कुछ ही मिनट पहले नये मार्ग के बारे में पूछा था.
विमान का आखिरी बार दर्ज किया गया स्थान बेलीतुंग द्वीप पर तानजुंग पंडन से 100 समुद्री मिल दक्षिणपूर्व में था. इंडोनेशियाई वायु परिवहन निदेशक जोको मुरयो अतमोजो ने बताया कि विमान 32,000 फुट की उंचाई पर था और बादलों से बचने के लिए इसने उड़ान पथ में थोड़ा बदलाव करने का अनुरोध किया था.

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