16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खुशखबरी : निजी संस्थानों में भी न्यूनतम वेतन 15 हजार तय कर सकती है सरकार

नयी दिल्ली: नये साल में केंद्र सरकार न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 में संशोधन के लिए राज्यों की बैठक बुलाने वाली है जिसमें विभिन्न प्राइवेट संस्थानों में न्यूनतम मासिक वेतन 15000 रुपये किये जाने पर विचार किया जाएगा. केंद्रीय श्रम मंत्रालय इस विषय पर राज्यों की बैठक बुलाएगा और इस संबंध में सभी राज्यों से भी […]

नयी दिल्ली: नये साल में केंद्र सरकार न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 में संशोधन के लिए राज्यों की बैठक बुलाने वाली है जिसमें विभिन्न प्राइवेट संस्थानों में न्यूनतम मासिक वेतन 15000 रुपये किये जाने पर विचार किया जाएगा.

केंद्रीय श्रम मंत्रालय इस विषय पर राज्यों की बैठक बुलाएगा और इस संबंध में सभी राज्यों से भी राय ली जाएगी.1948 के न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत 45 तरह की आर्थिक गतिविधियों को इस अधिनियम में शामिल किया गया था, जिसे राज्यों में भी लागू किया गया.
इस मुद्दे पर पहले ही अंतर मंत्रालयीय समिति पहले से ही काम पर लगी हुई है. मुद्दे पर सहमति बनने के बाद राज्यों को न्यूनतम वेतन 15000 तय करना होगा.
अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस ने श्रम मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अरुण कुमार सिन्हा का बयान प्रकाशित किया है, जिसके मुताबिक 1948 के न्यूनतम मजदूरी अधिनियम में संधोधन करके एक प्रावधान जोडा़ जाएगा, जिसके तहत राज्यों को न्यूनतम मासिक वेतन की इस संशोधित राशि को लागू करना होगा.
अगर इस कानून में संशोधन हो जाता है तो न्यूनतम वेतन दोगुने से भी ज्यादा यानी 15000 हो जाएगा जो कि अब तक इसका आधा है. इस कानून से बड़ी संख्या में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
हालांकि इस कानून के संबंध में आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है भारत जैसे देश में इस कानून को व्यावहारिक रूप में सही तरीके से लागू कर पाना काफी मुश्किल हो सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें