नयी दिल्ली : भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की बात जब-जब होती है, तो अनायास ही हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का याद आता है. ध्यानचंद ने हॉकी खेलते हुए पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया. हॉकी के जादुगर के योगदान को कोई नहीं भुला सकता है.
मेजर ध्यानचंद ने भारत को तीन-तीन ओलंपिक पदक दिलाया है. इस महान खिलाड़ी की अगुआई में भारत ने जो गोल्ड पदक जीता है वह हमेशा याद रखा जाएगा. ध्यानचंद की कप्तानी में भारत ने 1928,1932 और 1936 में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है.
इस प्रतिभावान खिलाड़ी को अब तक भारत का सर्वोच्च सम्मान नहीं मिल पाया है. 2013 में दुनिया के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. आज तक खेल से भारत रत्न किसी भी खिलाड़ी को नहीं दिया गया था, लेकिन सचिन को भारत रत्न से सम्मानित करके खेल को भी भारत रत्न से जोड़ दिया गया.
सचिन को जिस समय भारत रत्न दिया जा रहा था उस समय ध्यानचंद को भारत रत्न दिये जाने की मांग उठी थी, लेकिन फिर भी उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं गया.2014 के लिए भारत रत्न के लिए केंद्र सरकार ने दो लोगों के नाम की घोषणा की है. इस नाम में भी हॉकी के जादूगर ध्यानचंद का नाम शामिल नहीं किया गया है. जिन दो नामों की घोषणा की गयी है उनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और महामना मदनमोहन मालवीय शामिल हैं.
फिर से ध्यानचंद को भारत रत्न नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस बात का विरोध कई खिलाडियों ने किया है. ओलंपिक खिलाड़ी मिलखा सिंह ने ध्यानचंद को भारत रत्न के लिए सबसे उपयुक्त बताया है. उन्हें अब तक भारत रत्न नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.