कोलकाता: राज्य भर के साथ-साथ महानगर में भाजपा के उत्थान पर तृणमूल कांग्रेस की चिंताएं बढ़ गयी हैं. अगले वर्ष होने वाले कोलकाता नगर निगम के चुनाव के मद्देनजर, तृणमूल आलाकमान भाजपा को ही मूल प्रतिपक्ष मान रहा है.
सूत्रों के मुताबिक भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल अल्पसंख्यक वोट बैंक की ओर से ही नजर गड़ाये हुए है. लिहाजा महानगर के अल्पसंख्यकों को लक्ष्य कर कई परियोजनाओं को निगम ने शुरू किया है. लोकसभा चुनाव के आधार पर निगम के 26 वार्डो में भाजपा आगे है. चुनाव को कई महीने बीत चुके हैं. सारधा कांड पर तृणमूल बुरी तरह फंसी दिख रही है.
निगम चुनाव से संबंधित चिंता को कई एमआइसी स्वीकार भी करते हैं. लिहाजा हालात से निबटने के लिए तृणमूल परिचालित निगम मैदान में उतर गया है. निगम सूत्रों के मुताबिक महानगर में पहली बार ‘माइनोरिटी भवन’ तैयार किया जायेगा. ‘मल्टी सेक्टरल डेवलपमेंट प्रोग्राम’ नामक केंद्र की परियोजना के तहत शहर में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए जो काम होता है वह भविष्य में इसी भवन से परिचालित होगा. मेयर पारिषद बैठक में इस बाबत प्रस्ताव पास हो गया है. 65 नंबर वार्ड के 11/3 वीरेश गुहा स्ट्रीट में निगम का एक भवन है. वहीं पांचवीं मंजिल पर यह कार्यालय बनाया जायेगा. अल्पसंख्यकों के लिए ‘मदर एंड चाइल्ड केयर’ अस्पताल बनाने का भी निगम ने फैसला लिया है.
50 बेड वाला यह अस्पताल, निगम के खिदिरपुर मातृसदन कैंपस में तैयार होगा. निगम के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक कुछ वर्ष पहले खिदिरपुर मातृ सदन को एसएसकेएम के साथ जोड़ कर एक यूनिट बनाया गया. बेड की संख्या यहां 40 से बढ़ा कर 70 कर दी गयी. साथ ही एक ऑपरेशन थिएटर व दो लेबर रूम भी बनाया गया. निगम सूत्रों के मुताबिक यहीं 27.5 कट्ठे की जमीन पर एक हिस्से में नया यूनिट बनाया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से सात करोड़ रुपये दिये जायेगे. साथ ही गार्डेनरीच मातृ सदन की बेड की संख्या को भी बढ़ाया जा रहा है. नवजात बच्चों के लिए एक अलग यूनिट खोला जा रहा है.