रांची: मुख्यमंत्री के होनेवाले प्रधान सचिव संजय कुमार झारखंड राज्य बनने के पहले पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त रह चुके हैं. एक ईमानदार और काम करनेवाले अधिकारी के रूप में उनकी पहचान रही है. श्री कुमार को निर्णय लेनेवाला अधिकारी माना जाता है.
रघुवर दास के साथ उनके संबंध उस समय (1998-99) से है, जब श्री दास पूर्वी जमशेदपुर से पहली बार विधायक बने थे. उस समय श्री कुमार वहां के डीसी थे. तब राज्य बना भी नहीं था.
संजय कुमार को एक संवेदनशील अधिकारी म़ाना जाता है. 1999 में जब प्रभात खबर में एक खबर छपी थी कि परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का की पत्नी अभाव में जी रही है, तो श्री कुमार ने उस परिवार की सहायता करने का निर्णय लिया था. फिर प्रभात खबर और जमशेदपुर के कुछ प्रमुख लोगों की एक कमेटी बनायी थी. अभियान का नाम था-हम आपके साथ हैं मिसेज एक्का. श्री कुमार खुद इस अभियान के चेयरमैन थे. उनका यह प्रयास रंग लाया था. राशि जमा करने के लिए शहर में अनेक कार्यक्रम हुए थे.
24 अक्तूबर 1999 को एक्सएलआरआइ सभागार में बड़ा समारोह आयोजित कर उन्होंने अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का को सवा चार लाख का चेक सौंपा था. श्रीमती एक्का अपने पुत्र के साथ जमशेदपुर गयी थी. इस समारोह में सेना के कर्नल समेत सैकड़ों जवान शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम को आज भी जमशेदपुर में याद किया जाता है.
राज्य बनने के बाद जब कैडर बंटवारा हुआ, तो वे बिहार कैडर में चले गये. बाद में श्री कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये थे. वहां उन्होंने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार के साथ काम किया था. बाद में बिहार लौट गये और वहां श्रम सचिव के पद पर कार्यरत रहे हैं. वह आरा के डीएम भी रह चुके हैं.
जमशेदपुर के डीडीसी रह चुके हैं रहाटे
राज्य के नव नियुक्त ऊर्जा सचिव सुधीर कुमार रहाटे पूर्व में जमशेदपुर रह चुके हैं. श्री रहाटे 1 जुलाई 94 से छह जनवरी 96 तक जमशेदपुर के उप विकास आयुक्त थे.