21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

”मेक इन इंडिया” की सफलता के लिए विशेष योजना बना रही है सरकार

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्य्रकम को आगे बढाने के लिए एक उच्च स्तरीय कार्यशाला 29 दिसंबर को आयोजित होगी, जिसमें सरकार व उद्योग जगत के दिग्गज मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुति रखेंगे. इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष क्षेत्र […]

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्य्रकम को आगे बढाने के लिए एक उच्च स्तरीय कार्यशाला 29 दिसंबर को आयोजित होगी, जिसमें सरकार व उद्योग जगत के दिग्गज मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुति रखेंगे.
इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष क्षेत्र विशेष की कार्य-योजनाओं पर प्रस्तुति दी जाएगी ताकि मेक इन इंडिया कार्य्रकम के तहत विनिर्माण गतिविधियों को आगे बढाया जा सके.
इस उच्च स्तरीय कार्यशाला में अरुण जेटली व निर्मला सीतारमन सहित अनेक केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे. इसके अलावा तेल एवं गैस, ऑटोमोबाइल, विमानन क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपति, सार्वजनिक कंपनियों के प्रमुख तथा राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे.
रसायन व पेट्रोकेमिकल्स, तेल एवं गैस, पूंजीगत सामान, फार्मास्युटिकल, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन एवं मीडिया, विमानन, ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस व रक्षा तथा कौशल विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों पर कुल मिलाकर 18 सत्र होंगे. व्यापार करने को आसान बनाने के बारे में राज्य के मुख्य सचिवों तथा प्रधान उद्योग सचिवों का सत्र अलग से होगा.
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, क्षेत्र विशेष के सत्र में हम सभी चुनौतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे और एक साल की अल्पावधि तथा तीन साल की दीर्घकालिक कार्ययोजना तैयार की जायेगी. उसके बाद संबंधित सचिव इस योजना को प्रधानमंत्री के सुपुर्द करेंगे और इसके क्रियान्वयन का वचन देंगे. इस अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र विशेष से जुड़े मुद्दों जैसे – भूमि अधिग्रहण, कराधान, विपरीत शुल्क ढांचा, आगामी बजट के लिये सुझाव तथा अंतर-मंत्रालयीय मतभेदों पर चर्चा की जायेगी. उन्होंने कहा कि कुछ सुझावों को बजट में शामिल किये जाने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर में मेक इन इंडिया अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने और देश को विनिर्माण गतिविधियों का बड़ा केंद्र बनाने पर जोर दिया गया है. कार्यक्रम के तहत 25 क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनपर विशेष ध्यान दिया जायेगा.
देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान इस समय 16 से 17 प्रतिशत है. सरकार का इसे 2022 तक 25 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है. अक्तूबर में सकल औद्योगिक उत्पादन में 4.2 प्रतिशत की गिरावट रही है. विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से यह स्थिति बनी है. औद्योगिक उत्पादन में विनिर्माण क्षेत्र का 75 प्रतिशत योगदान है. विनिर्माण क्षेत्र अक्तूबर में 7.6 प्रतिशत घट गया.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें