रांची: हाल के विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा की भारी पराजय के साथ सत्ता से विदा हो रहे कार्यवाहक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद पर एक गैर आदिवासी व्यक्ति को मनोनीत किये जाने का विरोध किया है और आरोप लगाया है कि वास्तव में भाजपा ने कभी भी राज्य में आदिवासी नेतृत्व को फलने फूलने नहीं दिया.
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हेमंत ने कहा, गैर आदिवासी मुख्यमंत्री का विरोध करेंगे
रांची: हाल के विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा की भारी पराजय के साथ सत्ता से विदा हो रहे कार्यवाहक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद पर एक गैर आदिवासी व्यक्ति को मनोनीत किये जाने का विरोध किया है और आरोप लगाया है कि वास्तव में भाजपा ने कभी भी राज्य में आदिवासी […]
हेमंत सोरन ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा ने झारखंड के निर्माण के साथ पहले ही दिन से आदिवासी नेतृत्व को बढने और विकसित नहीं होने दिया. पहले उन्होंने बाबूलाल मरांडी को अपना कार्यकाल नहीं पूरा करने दिया और फिर अजरुन मुंडा को भी काम करने का पूरा अवसर नहीं दिया.
हेमंत ने आरोप लगाया कि वास्तव में भाजपा आदिवासी विरोधी है और उसने योजनाबद्ध ढंग से अपनी पार्टी के लंबे शासन में आदिवासी नेतृत्व को विफल होते दिखाकर यह साबित करने की कोशिश की है कि आदिवासी नेतृत्व राज्य के हित में नहीं है.उन्होंने कहा कि इसी साजिश के तहत भाजपा ने अब गैर आदिवासी रघुवरदास के हाथ में राज्य की कमान सौंपी है लेकिन वह सफल नहीं होने वाला है.
हेमंत ने दावा किया कि उन्होंने 14 माह के अपने कार्यकाल में साबित कर दिया कि आदिवासी मुख्यमंत्री भी अवसर मिलने पर राज्य के लिए बहुत कुछ कर सकता है.उन्होंने हाल के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की भारी पराजय के बारे में पूछे जाने पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया और सिर्फ इतना ही कहा कि पूरे देश की ताकत के सामने उनकी छोटी सी पार्टी इससे अधिक अकेले क्या करती.
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