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उद्योग संगठन का दावा, दिसंबर में सोने का आयात रहेगा कम

मुंबई : अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण महासंघ के अनुसार चालू माह में सोने के आयात में भारी गिरावट आने की संभावना है क्योंकि आभूषण विक्रेताओं ने आयात पर और अधिक प्रतिबंध लगने की आशंका में अधिक खरीददारी कर ली थी. संगठन के अध्यक्ष हरेश चमनभाई सोनी ने बताया कि दिसंबर के पहले पखवाडे में […]

मुंबई : अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण महासंघ के अनुसार चालू माह में सोने के आयात में भारी गिरावट आने की संभावना है क्योंकि आभूषण विक्रेताओं ने आयात पर और अधिक प्रतिबंध लगने की आशंका में अधिक खरीददारी कर ली थी. संगठन के अध्यक्ष हरेश चमनभाई सोनी ने बताया कि दिसंबर के पहले पखवाडे में सोने का आयात 22 टन रहा.

उन्‍होंने कहा पिछले महीने सोने का आयात 151 टन हुआ था. भारतीय रिजर्व बैंक ने 28 नवंबर को जब 80:20 आयात योजना मानदंड में ढील दी थी तो आभूषण विक्रेता आगे और ढील मिलने की उम्मीद में आयात करने से बचते रहे. अक्तूबर-दिसंबर 2013 में करीब 20 टन सोने का आयात किया गया था.

सोनी ने कहा, ‘नवंबर में जहां आयात वृद्धि उपभोक्ताओं की मांग बढने की वजह से नहीं बल्कि मुख्यत: रिजर्व बैंक द्वारा नये अवरोध लागू किये जाने की आशंका में हुई. 15 दिसंबर तक आयात करीब 22 लाख टन था और मुझे नहीं लगता कि कोई और खेप आयेगी.’

उन्होंने कहा कि वैश्विक के साथ साथ देश में नकारात्मक धारणा के कारण मांग में गिरावट आई और पहले किये आयात की अभी तक खपत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि इसके कारण आयातकों द्वारा लगाये जाने वाले सोने पर प्रीमियम शुल्क शून्य हो गया.

सोनी ने कहा कि जब रिजर्व बैंक ने 28 नवंबर को अधिसूचना जारी की और 80:20 योजना के मानदंड को खत्म किया तो आभूषण विक्रेताओं ने आगे और ढील दिये जाने की उम्मीद में आयात से पहले इंतजार को तरजीह दी. इस 80:20 योजना के तहत आयातित सोने का कम से कम 20 प्रतिशत भाग आभूषण के रुप में निर्यात करना होता था.

यह ढील ऐसे समय में आई जब सर्राफा उद्योग आयात पर और रोक की उम्मीद कर रहा था. सोनी ने कहा कि जनवरी में जब तक सीमा शुल्क को 10 से घटाकर पांच प्रतिशत करने और ग्रे मार्केट पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने जैसे अनुकूल नीतियां लेकर नहीं आती, आयात के काफी कम रहने की संभावना है. मांग के बारे में उन्होंने कहा कि यह उम्मीद से कम होगी लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले थोडा बेहतर होगा.

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