नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल नहीं टूटी. उम्मीद थी कि नगर आयुक्त के साथ वार्ता के बाद कुछ निष्कर्ष निकलेगा. वार्ता सर्किट हाउस में निर्धारित थी, लेकिन कर्मचारी नहीं आये. उनकी मांग थी कि बैठक निगम कार्यालय में ही हो. इधर, शहर में जब साफ-सफाई की व्यवस्था चरमरायी, तो निजी स्तर पर पहल करते हुए कुछ जगहों की सफाई की गयी.
गया: मंगलवार को पूरे दिन हड़ताली निगमकर्मियों के साथ वार्ता का इंतजार करने के बाद नगर आयुक्त डॉ नीलेश देवरे ने देर शाम प्राइवेट गाड़ियों का प्रयोग कर शहर में सफाई का काम शुरू करा दिया. दो अर्थमूवर व चार ट्रैक्टर का प्रयोग कर शहर के मुख्य मार्गो की सफाई करायी गयी. इससे पहले मंगलवार की सुबह दिल्ली से वापस आने के बाद नगर आयुक्त ने कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए सर्किट हाउस में आमंत्रित किया.
लेकिन, कर्मचारी नेता नहीं आये. नगर आयुक्त पूरे दिन सर्किट हाउस के सभाकक्ष में ही कर्मचारियों का इंतजार करते रहे. ऑफिस का कामकाज भी यहीं से किया. मिली जानकारी के अनुसार, कर्मचारी नेता निगम कार्यालय में वार्ता की मांग पर अड़े रहे और सर्किट हाउस आने से मना कर दिया. गौरतलब है कि शुक्रवार से ही निगमकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इधर, नगर आयुक्त ने हड़ताल को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि हड़ताल को जान-बूझ कर लंबा खींच कर शहर की व्यवस्था को ठप करने का प्रयास हो रहा है.
कई इलाकों में सफाई : शाम के बाद राय काशीनाथ मोड़, पीर मंसूर रोड, कोयरीबारी, जीबी रोड व चौक आदि इलाकों में साफ-सफाई शुरू करायी गयी. सफाई पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार की देखरेख में उक्त जगहों पर साफ-सफाई हुई. रात में भी कई इलाकों में सफाई करायी गयी.