पटना. पटना विवि के कुलपति द्वारा मृतक माली नरेंद्र की पत्नी को मुआवजे के तौर पर दिये गये 25 लाख के चेक पर विवाद शुरू हो गया है. वीसी ने पहले तो माली की पत्नी को चेक दे दिया और अब वापस मांग रहे हैं. हालांकि, उसने चेक देने से इनकार कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ चेक कैश होने पर रोक लगाने से कर्मचारियों में काफी आक्रोश है और वे आंदोलन करने की बात कह रहे हैं.
मृतक की पत्नी के भाई नवीन कुमार ने बताया कि जब वे बैंक गये, तो चेक कैश नहीं किया गया. मैनेजर ने वीसी से मिलने को कहा. जब वीसी के पास गये, तो दस हजार और पंद्रह हजार का चेक दे दिया गया और 25 लाख का चेक वापस मांगा गया. जब चेक देने से इनकार किया, तो कई तरह से दबाव बनाने की कोशिश की गयी. पीयू में कर्मचारियों की ओर से सीनेट सदस्य रघुराम शर्मा ने कहा कि वीसी ने चेक का क्लीयरेंस रोक दिया है.
अगर माली नरेंद्र को न्याय नहीं मिला, तो कोर्ट की शरण में जायेंगे. उधर पीयू कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि कर्मचारियों में काफी रोष है. वीसी व रजिस्ट्रार से वार्ता के लिए समय मांगा गया था, लेकिन अब तक नहीं बुलाया गया है. इस संबंध में रजिस्ट्रार प्रो सुधीर श्रीवास्तव ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं. आपको जो लिखना है, लिख दीजिए. मामला वीसी स्तर से देखा जा रहा है.
अस्पतालों में दवाओं की नहीं होगी कमी
पटना. राज्य के अस्पतालों में दवाओं की किल्लत नहीं हो, इसके लिए मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान स्वास्थ्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्र की अध्यक्षता में हेल्थ सोसाइटी की आपात बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य सचिव आनंद किशोर, बीएमएसआइसीएल के एमडी डीके शुक्ला सहित सभी जिलों के सिविल सजर्न मौजूद थे. अस्पतालों में दवाओं की कमी नहीं हो, इसके लिए सिविल सजर्नों को दवा की खपत का ब्योरा हर माह बीएमएसआइसीएल को देना होगा. अगर किसी कारण से अस्पतालों में दवाएं नहीं पहुंचती हैं, तो जिला स्वास्थ्य समिति अपने स्तर पर खरीद कर सकता है. श्री मेहरोत्र ने बताया कि मरीजों को हर हाल में दवा मिले, इसके लिए खरीद की त्रिस्तरीय व्यवस्था की गयी है.