डॉक्टर ही निजी रूप से करते है उपयोग लाखों रुपये की लागत से बना था पशु शेडकुदरा. स्थानीय प्रखंड मुख्यालय स्थित पशु अस्पताल में बने लाखों रुपये में पशु शेड में अवैध कब्जा कर लकड़ी रखी गयी है. यह कोई और नहीं बल्कि अस्पताल के ही डॉक्टर द्वारा लकड़ी रख कर कब्जा जमाया गया है, जिसके कारण पशुओं का इलाज बाहर ही रख कर किया जाता है.अस्पताल की स्थिति है दयनीय भले ही सरकार द्वारा पशु पालकों की सुविधा के लिए अस्पताल की व्यवस्था किया गया है. लेकिन, हकीकत यह है कि राम भरोसे ही अस्पताल चल रहा है. जहां कर्मचारियों का पद तीन है. लेकिन, एक पद खाली है दो कर्मचारियों के सहारे ही अस्पताल चल रहा है. बताते चले कि एक डॉक्टर और एक कंपाउंडर कार्यरत हैं. रात्रि प्रहरी का पद कई माह से खाली है.क्या कहते हैं पशुपालक राजेश्वर सिंह ने बताया कि कभी भी अस्पताल द्वारा पशुओं को टीका, दवा की व्यवस्था नहीं की जाती है. वहीं सोहन यादव ने बताया कि पशु अस्पताल तो है. लेकिन, सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. परेशानी होती है. क्या कहते हैं डॉक्टरलकड़ी हमारा ही है. उसे हटा लेंगे. खास कर शेड का उपयोग बरसात के मौसम में ही किया जाता है. अस्पताल में दवा है. पशुओं का इलाज कर दवा दी जाती है. डॉ विवेक कुमार सिंह, ……………………फोटो……………..9. पशु शेड में रखे गये लकड़ी10. पशु शेड के दरवाजे पर लगा ताला………………………………………
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पशु अस्पताल के शेड में अवैध कब्जा
डॉक्टर ही निजी रूप से करते है उपयोग लाखों रुपये की लागत से बना था पशु शेडकुदरा. स्थानीय प्रखंड मुख्यालय स्थित पशु अस्पताल में बने लाखों रुपये में पशु शेड में अवैध कब्जा कर लकड़ी रखी गयी है. यह कोई और नहीं बल्कि अस्पताल के ही डॉक्टर द्वारा लकड़ी रख कर कब्जा जमाया गया है, […]
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