कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने सोमवार को अदालत में फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सारधा मीडिया की सबसे बड़ी लाभार्थी हैं. सारधा मीडिया करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले में फंसे सारधा समूह की एक शाखा है.
घोष को जब यहां बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया तो उन्होंने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्र से कहा, ‘यदि किसी ने सारधा मीडिया से सबसे अधिक लाभ प्राप्त किया है तो वह मुख्यमंत्री हैं.’ घोटाला सामने आने के बाद सारधा मीडिया अप्रैल 2013 में बंद होने से पहले कई समाचारपत्र और समाचार चैनल चलाता था.
कुणाल घोष सारधा मीडिया के सीइओ थे. वह मुख्यमंत्री के काफी करीब हुआ करते थे. घोष ने अपना आरोप दोहराते हुए कहा, ‘ममता बनर्जी और (पार्टी महासचिव) मुकुल राय भी संलिप्त हैं.’ उन्होंने दावा किया, ‘मेरे पास विशिष्ट जानकारी है, यदि सीबीआइ मुझसे पूछताछ करे तो मैं यह मुहैया करा सकता हूं.’ उन्होंने कहा कि जिस आधार पर सीबीआइ ने कई बार उनकी जमानत का विरोध किया उनमें यह भी शामिल था कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और सुबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. घोष ने कहा कि राजनीतिक शक्ति और पैसे वालों के लिये अलग नियम हैं और उनके लिए नियम अलग हैं.
घोष ने गिरफ्तार किये गये राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा का नाम लिये बिना उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद उन्हें राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में भरती कराये जाने का उल्लेख किया और कहा, ‘मैं जेल में हूं जबकि कोई और होटल में है.’ अदालत ने सीबीआइ को जेल में कुणाल का बयान रिकार्ड करने का निर्देश दिया है. दो जनवरी को फिर मामले की सुनवाई होगी.
मुख्यमंत्री व मुकुल राय के खिलाफ कुछ सुबूत मेरे हाथ लगे हैं, जिसे मैं सीबीआइ को सौंपना चाहता हूं. सारधा मामले की जांच में मेरे इन सबूतों से सीबीआइ को काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि सारधा मीडिया से अगर किसी ने सबसे ज्यादा लाभ उठाया है तो वह मुख्यमंत्री खुद हैं. जो सुबूत मैं सीबीआइ को दूंगा उससे मेरा उनपर लगाया आरोप साबित हो जायेगा. सारधा मामले में मदन मित्रा की गिरफ्तारी के बाद खुद बचने के लिए ही मुख्यमंत्री इस तरह सड़क पर रैली व आंदोलन का रुख अपना रही हैं.
कुणाल घोष, तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद