डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह एक बार फिर विवादों में घिरगएहैं. अगले महीने रिलीज होने वाली और उन पर बनी फिल्म ‘एमएसजी-द मेसेंजर ऑफ गॉड’ पर अनेक सिख संगठनों ने पाबंदी की मांग की है. डेरा प्रमुख इस फिल्म में मुख्य भूमिका अदा कर रहे हैं. फिल्म का निर्देशन भी उन्होंने ही किया है और फिल्म के गीत भी उन्होंने ही गाये हैं.
अकाल तख्त ने भी इस फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है. अकाल तख्त के प्रमुख गुरबचन सिंह ने कहा है कि,’ डेरा प्रमुख पर हत्या और रेप के आरोप हैं और उन पर आधारित इस फिल्म से लोग गुमराह हो सकते हैं. इस फिल्म से हिंदू, सिख और मुस्लिमों की भावनाएं आहत होगी.’
दूसरी तरफ ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएसएफ) के प्रमुख करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने भी केंद्र और राज्य सरकार से फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने को कहा है. उनका कहना है कि पिछले दिनों अकाल तख्त ने लोगों से डेरा प्रमुख के धार्मिक समागमों में नहीं जाने को कहा था और सिख संगठनों का कर्तव्य है कि इस फिल्म को रिलीज न होने दिया जाए.’
उन्होंने आगे यह भी कहा कि,’ अकाल तख्त ने सिरसा स्थित डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा कथित तौर पर सिखों के 10वें गुरू गोविंद सिंह का रूप रखे जाने पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद पंजाब में सिखों और डेरा समर्थकों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो थी. फिल्म के रिलीज होने से यह मामला तूल पकड़ सकता है.’
अकाली दल के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि 16 जनवरी को फिल्म रिलीज होने के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा.एआईएसएसएफ ने इस बात की जांच की भी मांग की है कि डेरा प्रमुख को फिल्म बनाने के लिए इतना पैसा कहां से आया.
वहीं डेरा के प्रवक्ता डॉ. पवन इंसा का कहना है कि,’ फिल्म का बिना देखे विरोध की बात वे लोग कर रहे हैं जो नहीं चाहते कि पंजाब से नशे जैसी बुराई हटे और युवा वर्ग आगे बढ़े. फिल्म समाज को जोड़ने वाली और देशभक्ति की भावना पैदा करने वाली फिल्म है. इस फिल्म का पैसा थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों और एचआईवी पॉजिटिव लोगों की रिसर्च पर खर्च होगा और आदर्श कार्य के लिए ही फिल्म का निर्माण किया गया है.