रांची : रविवार को जुमार नदी घाट का नजारा बदला हुआ था. यहां रिम्स में पिछले साल भर से सड़ रही 40 लावारिस लाशों को मुक्ति दिलाने की तैयारी की जा रही थी. लावारिस लाशों को मुक्ति देने के लिए शहर की सामाजिक संस्था मुक्ति की पहल पर कई गणमान्य लोग नदी घाट पर उपस्थित हुए.
मुक्ति के इस प्रयास को भरपूर सहयोग दिया हजारीबाग के मुरदा कल्याण समिति ने. समिति के एक दर्जन से अधिक सदस्य खालिद भाई के साथ शवों के अंतिम संस्कार कराने के लिए पहुंचे थे. सभी ने मिल कर सामूहिक चिता बनायी. फिर इन लावारिस लाशों को पूरे विधि-विधान के साथ मुखागिA दी गयी. इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया, पत्रकार अमरकांत, अतुल गेरा, अमरजीत गिरधर, संजय गुप्ता, दीपक लोहिया, जयप्रकाश गुप्ता, पप्पू तिवारी आदि उपस्थित थे.
सामूहिक प्रार्थना के बाद दी गयी मुखाग्नि
समिति की तरफ से रिम्स के शीतगृह से 40 लाशों को निकाला गया और ट्रैक्टर से लाद कर जुमार नदी घाट पहुंचाया गया. यहां सभी लाशें चिता पर सजायी गयीं. इसके बाद सभी गणमान्य लोगों ने सामूहिक रूप से ईश्वर से प्रार्थना की. फिर इन्हें अगिA प्रदान की गयी. संस्था के इस कार्य में रांची नगर निगम ने भी सहयोग किया. निगम ने इस कार्य के लिए एक ट्रैक्टर लकड़ी व पानी का एक वाहन उपलब्ध कराये.
लावारिस लाशों को मिले मंजिल
संस्था के संबंध में मुक्ति के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने कहा कि लावारिस लाशों का निबटारा इससे पहले हजारीबाग की मुरदा कल्याण समिति करती थी. उस संस्था को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पाता था. अब मुक्ति ऐसे कार्य करनेवालों को सहयोग करेगी. हमारा प्रयास होगा कि हम सभी लावारिस लाशों को उनके मंजिल तक पहुंचायें.