कोलकाता : दुनिया की बढ़ती आबादी के कारण रोजगार के मौके भी कम हुए हैं. बढ़ती बेरोजगारी का सामना करने में फुटपाथों पर व्यवसाय एक कारगर हथियार साबित हुआ है. यही कारण है कि भारत हो या अमेरिका दुनिया के हर देश के हर शहर में हॉकर नजर आयेंगे. यूरोप व अमेरिका एवं एशिया के कई बड़े शहरों में रात में भी हॉकर व्यवसाय करते हैं, देर रात हॉकरों का कारोबार चलता है. अब जल्द ही महानगर में भी आधी रात को हॉकर व्यवसाय करते दिखायी देंगे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यूपीए सरकार ने हॉकरों के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार की थी, जिसे आहिस्ता-आहिस्ता सारे देश में लागू किया जा रहा है.
कोलकाता नगर निगम ने भी हॉकर नीति को लागू करने का एलान कर दिया है. निगम ने भी यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पुनर्वास किए बगैर कहीं से भी किसी भी हॉकर को हटाया नहीं जायेगा. मेयर परिषद सदस्य देवब्रत मजुमदार का कहना है कि हम लोग पिछले वाममोरचा सरकार की तरह शहर से हॉकरों को हटाने के लिए ऑपरेशन सनसाइन नहीं चलायेंगे. हॉकरों को हटाने के लिए जोर-जबरदस्ती नहीं की जायेगी. श्री मजुमदार ने बताया कि हम लोगों ने एसएसकेएम अस्पताल के पास से हॉकरों को हटाया था, पर बाद में उन्हें छोटे-छोटे स्टॉल देकर फिर से वहीं पर कारोबार करने की इजाजत दे दी. हम सब का लक्ष्य शहर को खुबसूरत बनाना है. उस उद्देश्य के लिए हॉकरों से भी हमें यह आशा है कि वह तरीके से व्यवसाय करेंगे. श्री मजुमदार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार एक टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया जायेगा.
जिसमें निगम व पुलिस के अलावा हॉकरों के भी प्रतिनिधि होंगे. यह कमेटी ही यह चिंहित करेगी कि शहर के किस-किस इलाके में हॉकर व्यवसाय करेंगे, कहां उन्हें बैठने नहीं दिया जायेगा. कौन सी ऐसी जगह होगी, जहां केवल दिन में ही हॉकर कारोबार कर सकते हैं और कौन सा शहर का ऐसा इलाका होगा, जहां रात के समय भी हॉकर व्यवसाय करेंगे. जगह चिंहित करने के बाद ही यह फैसला लिया जायेगा.