नावानगर/केसठ : लगातार सूखे की त्रसदी ङोल रहे डुमरांव विधानसभा क्षेत्र के किसानों के खेतों को सिंचित करने के लिए रूपसागर के पास काव नदी पर पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दूबे द्वारा इस योजना का शिलान्यास वर्ष 1982 में किया गया था. बराज निर्माण के लिए सरकार द्वारा लगभग 41 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. जमीन का मुआवजा भी वर्ष 1987 में ही किसानों को दे दिया गया था. अधिग्रहण की गयी जमीन पर अभी भी परमेश्वरपुर व धवई गांव के कुछ ग्रामीणों का कब्जा बरकरार है.
शिलान्यास के बाद से ही यह योजना विरोध का दंश ङोलती आ रही है, जिसके चलते काफी अरसे तक यह योजना फाइलों में सिमटी रही. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्थानीय विधायक दाऊद अली के प्रयास से वर्ष 2011 में नये प्राक्कलन तैयार कर इस योजना को गति दी गयी. बक्सर व रोहतास जिले के सीमा पर स्थित प्रस्तावित बराज का एसकेसीपीएल कंपनी को ठेका मिला है. 12 नवंबर को भूमि पूजन करने गये इंजीनियर समेत छह जेइ व चार पत्रकारों के साथ मारपीट हुआ था. इसके बाद अब तक कोई पहल नहीं हो सकी है. विगत 27 नवंबर को सोन मलई किसान संघ ने कार्यपालक अभियंता के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया था, जिसमें कार्यपालक अभियंता ने कार्य प्रारंभ का आश्वासन दिया था. जबकि, जल संसाधन विभाग के सचिव ने पुलिस महानिदेशक को बराज स्थल पर पुलिस पिकेट बहाल कर कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया है.