भागलपुर: भागलपुर पुलिस विभाग में अजब-गजब खेल खेले जा रहे हैं. कहलगांव एएसपी ने एनटीपीसी थाने में दर्ज एक मामले को असत्य बताया. लेकिन कमजोर वर्ग के आइजी के निर्देश पर पुन: जब डीएसपी मुख्यालय ने मामले की जांच तो वह सत्य निकला. पूरे मामले का खुलासा एसएसपी के प्रतिवेदन में हुआ है. मामला एनटीपीसी थाना कांड संख्या-23/14 जुड़ा हुआ है.
एएसपी ने बताया था साक्ष्य की कमी. आलमपुर गांव निवासी गुरुदेव दास के बयान पर यह कांड दर्ज हुआ था. इसमें त्रिभुवन यादव, अशोक यादव, दशरथ यादव पर गाली-गलौज, छप्पर उजाड़ने और जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने का आरोप लगाया गया था. अपर पुलिस अधीक्षक ने अपने पर्यवेक्षण में इस कांड को प्राथमिकी की मूल धाराओं में असत्य पाया. अपने रिपोर्ट-टू में एएसपी ने इस केस में साक्ष्य की कमी होने की बात का उल्लेख किया. इस आलोक में एएसपी ने आइओ को निर्देश दिया कि साक्ष्य की कमी बता कर प्रतिवेदन समर्पित करे. सूचक ने मामले की शिकायत कमजोर वर्ग के आइजी से की.
डीएसपी की रिपोर्ट में घटना सही. इसके बाद केस की जांच का जिम्मा एसएसपी ने डीएसपी मुख्यालय (प्रथम) को सौंपा. डीएसपी मुख्यालय ने अपने जांच में पीड़ित के आवेदन में वर्णित तथ्यों का सही पाया और आरोपियों पर लगाये गये आरोपों की जांच में पुष्टि भी हो गयी. बाद में एसएसपी ने डीएसपी मुख्यालय की रिपोर्ट के आधार पर केस को सत्य बता कर अनुसंधान का निर्देश दिया. डीएसपी की जांच से संतुष्ट होते हुए एसएसपी ने प्राथमिकी की सभी धाराओं में केस को सत्य मान कर आइओ को पुन: अनुसंधान शुरू करने का निर्देश दिया.