कोलकाता: दक्षिण 24 परगना जिले के रामनगर क्षेत्र में स्थित कोहिनूर पेपर एंड न्यूजप्रिंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधन ने कारखाने में सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगा दिया है. गुरुवार की सुबह जब कारखाने के कर्मचारी व श्रमिक गेट पर पहुंचे तो वहां ताला लगा मिला है. सुरक्षाकर्मियों ने कर्मचारियों को अंदर प्रवेश करने से रोक दिया. प्रबंधन के इस फैसले से कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. कर्मचारियों को खाने के लाले पड़ सकते हैं, उन्हें पूजा के बाद से वेतन नहीं मिला है. चार महीने से कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे थे.
जब कभी वेतन की मांग की जाती, तब प्रबंधन की ओर से आश्वासन दिया जाता कि जल्द भुगतान होगा. कारखाने के लगभग 250 स्थायी कर्मचारियों को सितंबर से वेतन नहीं मिला है. कंपनी प्रत्येक महीने कर्मचारियों के वेतन से बोनस का रुपया भी काट लेती है. पूजा के समय वेतन तक नहीं दिया. इससे कर्मचारियों में पहले से काफी नाराजगी थी. फिर भी वह काम कर रहे थे.
वेतन न मिलने की शिकायत लेकर जब श्रमिक स्थानीय थाने पहुंचे तो पहले तो कोहिनूर पेपर एंड न्यूजप्रिंट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विजय कुमार बोथरा ने पुलिस का फोन नहीं उठाया. उसके बाद पुलिस ने एसएमएस कर उनको फोन करने की हिदायत थी. फिर उन्होंने पुलिस से बात की. पुलिस से बातचीत के बाद उन्होंने कर्मचारियों को 15 दिसंबर तक का समय दिया था और आश्वासन दिया था कि इसके अंदर उनका वेतन मिल जायेगा. लेकिन 15 दिसंबर की रात को ही प्रबंधन की ओर से कारखाने के गेट पर एक नोटिस लगाया गया, जिसमें लिखा हुआ था कि प्रबंधन एक सप्ताह के अंदर बकाया वेतन का भुगतान कर देगा. लेकिन इसी बीच, 17 दिसंबर को प्रबंधन ने कारखाने के गेट पर सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगाते हुए कर्मचारियों के यहां प्रवेश पर रोक लगा दी है.
इसकी शिकायत करने के लिए जब श्रमिक स्थानीय थाने पहुंचे तो थाने ने कोई मदद करने से इनकार कर दिया. थाने के ओसी का कहना है कि प्रबंधन ने वकील का सहारा लेते हुए यह नोटिस लगाया है, इसलिए वह कुछ नहीं कर सकते हैं. जबकि कारखाने की सुरक्षा के लिए 10-15 पुलिसकर्मी तैनात हैं. श्रमिकों ने कहा कि उनके साथ प्रबंधन ने धोखा किया है, यह एक अमानवीय घटना है. क्योंकि पिछले चार महीने से प्रबंधन उनको वेतन का आश्वासन दे रहा था. प्रबंधन का कदम कर्मचारियों के साथ धोखा है. अब श्रमिकों के पास आंदोलन करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. इस मामले के समाधान के लिए जिला श्रम आयुक्त ने मंगलवार तक का समय मांगा है, अगर तब तक समस्या का समाधान नहीं होता है तो इसके बाद श्रमिक कंपनी के कार्यालय तक आंदोलन चलायेंगे.