बीजिंग : दलाई लामा ने स्वीकार किया कि वह तिब्बती बौद्ध धर्म में शीर्ष आध्यात्मिक पद संभालने वाले अंतिम व्यक्ति हो सकते हैं. उन्होंने चीन के कट्टरपंथियों को इस बात के लिए जिम्मेदार ठहराया कि वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तिब्बत को वाजिब स्वायत्ता प्रदान करने की उनकी मांग पर सम्यक दृष्टि अपनाने से रोक रहे हैं.
दलाई लामा ने ‘बीबीसी’ को बताया कि यह बेहतर होगा कि सदियों से चली आ रही परंपरा का समापन एक लोकप्रिय दलाई लामा के समय हो. उन्होंने कहा कि उनके बाद कोई अन्य दलाई लामा होंगे कि नहीं यह उनकी मृत्यु के बाद के हालात पर निर्भर करता है और यह तिब्बत के लोगों पर निर्भर करता है.
चीन की नाराजगी के डर से पोप फ्रांसिस सहित विश्व के कई अन्य नेताओं द्वारा दलाई लामा से मिलने से परहेज किए जाने से निराश नजर आ रहे 79 साल के आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि उनकी भूमिका में अब राजनीतिक जिम्मेदारियां नहीं रह गयी हैं. साल 2011 में दलाई लामा ने इन विषयों को तिब्बत की निर्वासित सरकार के निर्वाचित नेता लोबसैंग सांग्ये को सौंप दिया था.
उन्होंने कहा, दलाई लामा की संस्था का एक दिन अंत हो जाएगा. मानव-निर्मित ये संस्था खत्म हो जाएगी. दलाई लामा ने कहा, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आगे कोई बेवकूफ दलाई लामा नहीं आएगा और अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं करेगा. यह बहुत बुरा होगा.
उन्होंने कहा, लिहाजा, बेहतर यही है कि एक बेहद लोकप्रिय दलाई लामा के समय ही सदियों से चली आ रही यह परंपरा खत्म हो जाए. फ्रांस के एक प्रसारक को दिये गये एक अन्य साक्षात्कार में दलाई लामा ने कहा कि चीनी सरकार में मौजूद कुछ कट्टरपंथी तिब्बत की स्वायत्ता के मुद्दे पर किसी प्रस्ताव में देरी कर रहे हैं.